अयोध्या में रामलला की सेवा में तैनात हुए सेना के रिटायर्ड जवान जानिए काम
अयोध्या में रामलला की सेवा में तैनात हुए सेना के रिटायर्ड जवान जानिए काम
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव का कहना है कि देश की सबसे महत्वपूर्ण इकाई सेना के जवान होते हैं. कई ऐसे सेना के जवान थे, जो 40 वर्ष से ज्यादा होकर रिटायर हो गए थे. क्योंकि सेना के जवान टाइम के पंक्चुअल होते हैं, वसूल के पक्के होते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए उनसे सहयोग लिया जा रहा है.
अयोध्या : भगवान रामलला के मंदिर में पूरे देश के विभिन्न हिस्सों के कारीगरों का योगदान रहा. मंदिर के निर्माण से लेकर मंदिर में विराजमान होने तक पूरे देश के लोगों ने सहयोग किया था. रामलला की सुरक्षा को लेकर भी भारत की सभी सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय रही, लेकिन अब रामलला की सेवा में भूतपूर्व सैनिकों को भी तैनात किया गया है. इनका उद्देश्य 40 साल में रिटायर सैनिक रामलला के परिसर में जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह करेंगे, जिसमें धर्मगुरु के साथ-साथ ऑफिशियल वर्क करने वाले सैनिक और देश की रक्षा में तैनात होने वाले सीमा के जवान भी शामिल हैं. इन सभी को उनकी योग्यता के अनुरूप राम मंदिर ट्रस्ट ने कार्य भी दिया है. भगवान रामलला के परिसर में श्रद्धालुओं की सुगमता आमजन की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 20 से ज्यादा भूतपूर्व सैनिकों को नियुक्त किया गया है, जिसमें गर्भग्रह के बाहर पुजारी के पास सेना के रिटायर्ड धर्म गुरुओं की तैनाती है. इसके अलावा मंदिर में सुरक्षा को लेकर काम कर रही संस्थाओं के साथ भी रिटायर्ड सेना के जवानों को जिम्मेदारी दी गई है, जो प्रशासन और मंदिर प्रशासन के बीच समन्वय भी स्थापित करेंगे राम भक्तों की सुरक्षा की भी व्यवस्था देखेंगे. राम भक्तों के सुविधाजनक दर्शन के लिए कार्य करेंगे.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव का कहना है कि देश की सबसे महत्वपूर्ण इकाई सेना के जवान होते हैं. कई ऐसे सेना के जवान थे, जो 40 वर्ष से ज्यादा होकर रिटायर हो गए थे. क्योंकि सेना के जवान टाइम के पंक्चुअल होते हैं, वसूल के पक्के होते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए उनसे सहयोग लिया जा रहा है. उनके सहयोग से हमें भी उनके प्रति कुछ करने का मौका मिल रहा है और अच्छा लग रहा है कि राम भक्तों की सुरक्षा के साथ-साथ राम मंदिर परिसर में तमाम जगहों पर इन्हें नियुक्त किया गया है.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि सैनिक आज्ञाकारी होता है और मिलकर काम करना जानता है. सैनिक साहसी होता है और मुसीबत से लड़ना जानता है. सैनिक कम आयु में सेवानिवृत हो जाते हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि सैनिक सेवा में रहने के कारण पैसे का लालची नहीं रहता और ऊर्जावान बना रहता है. सैनिक के बड़े गुण हैं. चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में सैकड़ों भूतपूर्व सैनिक हैं, जो 40 साल की उम्र में रिटायर होकर आ गए हैं. हमने कुछ लोगों से संपर्क किया और उन लोगों को हमारा विचार बहुत ही अच्छा लगा. हमने उनसे निवेदन किया था कि आया करें और वह आने लगे उनका स्वभाव देखकर उनको उनकी प्रतिभा के अनुसार छोटा-छोटा काम भी सौंपने लगे. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि राम मंदिर में भूतपूर्व धर्मगुरु, इंजीनियर, सूबेदार, मेजर, कैप्टन सभी तरह के शामिल हैं. इसके साथ ही सेवा में दफ्तर में काम करने वाले भूतपूर्व सैनिक भी हैं. चंपत राय ने कहा कि सैनिक समय का पालन करने वाला होता है. भूतपूर्व सैनिकों को अच्छा लग रहा है कि वह समाज की सेवा कर रहे हैं और हमें भी अच्छा लग रहा है कि हमारे पास जिम्मेदार काम करने वाले लोग हैं.
Tags: Ayodhya ram mandir, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 08:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed