हाथों में बंदूकें हर तरफ धमाके और सीरिया से लौटे भारतीयों ने बयां किया मंजर
हाथों में बंदूकें हर तरफ धमाके और सीरिया से लौटे भारतीयों ने बयां किया मंजर
Syria News Today: सीरिया में इस वक्त लोग गोली और बम की आवाजों के बीच रहने को मजबूर हैं. विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क सहित तमाम बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में अपनी जान को बचाते हुए जैसे-तैसे भारतीय नागरिक स्वदेश लौट आए हैं.
Syria News Today: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के देश छोड़कर भागने के बाद पैदा हुए हालातों के बीच रविवार को वहां फंसे भारतीय नागरिक स्वदेश लौट आए हैं. दिल्ली हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत के दौरान इन लोगों ने गोली और बम की आवाजों के बीच रहने के अपने खौफनाक मंजर को याद किया. चंडीगढ़ के रहने वाले इंजीनियर सुनील दत्त ने आपबीती बयां करते हुए कहा कि वहां सड़कों पर असामाजिक तत्व खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों से खुल्लम-खुल्ला सामान लूटा जा रहा है. गोलीबारी और बमबारी की आवाजों ने वहां जीवन को और भी बदतर बना दिया है.
उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास हमसे लगातार संपर्क में था और उनके कर्मियों ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें शांत रहने और दरवाजे न खोलने की सलाह दी. भारत ने सीरिया से अपने सभी नागरिकों को निकाल लिया है. ये वो लोग हैं जो बशर-अल-असद की सरकार को उखड़ने के बाद भारत लौटना चाहते थे. पिछले एक दशक से भी अधिक वक्त से विद्रोही तानाशाह असद की सरकार को गिराने के लिए हाथों में हथियार उठाए हुए थे.
चारों तरफ आग और बमबारी
बीते सप्ताह सीरियाई सरकार को गिर गई. विद्रोहियों ने कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क पर अपना पूरा कंट्रोल बना लिया था. ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचित कपूर ने कहा, “हम करीब सात महीने तक सीरिया में थे. 7 दिसंबर को स्थिति और खराब हो गई. हमें दमिश्क शहर में शिफ्ट कर दिया गया और फिर हमने चारों ओर आग और बमबारी देखी. यह एक दहशत का माहौल था. हम एक लग्जरी होटल में 11 लोगों की टीम में थे. स्थिति और खराब हो गई. लोग सड़कों पर बेकाबू हो रहे थे, कुछ लोग लूटपाट भी कर रहे थे.”
लेबनान के रास्ते पहुंचे भारत
कपूर ने याद करते हुए कहा कि सीरिया में भारतीय दूतावास की वजह से “हमें बहुत आसानी से लेबनान भेजा गया और हमें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा.” लेबनान में भी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने कहा कि “हमारे रहने और खाने की सुविधा बहुत अच्छी थी. उन्होंने विदेश मंत्रालय को उन प्रभावित भारतीयों को सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया, जो स्वदेश लौटना चाहते हैं.
परिवार वालों को सता रही थी चिंता
शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे एक अन्य भारतीय नागरिक रतन लाल ने कहा, “मैं पिछले पांच सालों से सीरिया में हूं. जब स्थिति खराब हो गई, तो हमें दमिश्क बुलाया गया और वहां एक होटल में ठहराया गया और फिर वीजा दिया गया और हम आगे की यात्रा के लिए एयरपोर्ट गए! स्थिति बहुत खराब थी और परिवार के सदस्यों ने उन्हें किसी तरह वापस लौटने के लिए कहा. हरियाणा के गुड़गांव जिले के रहने वाले एक अन्य वापस लौटे चेतन लाल ने कहा कि वह पिछले 10 सालों से सीरिया में कांच की बोतल बनाने वाली कंपनी में काम कर रहे थे. हम तीन दिनों तक दमिश्क में रहे. लेबनान और सीरियाई दूतावास ने भी वापसी की यात्रा में हमारी बहुत मदद की.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा था, “हमने सीरिया में उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है, जो हाल ही में हुए घटनाक्रमों के बाद घर लौटना चाहते थे. अब तक सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है.” उन्होंने कहा कि दमिश्क में भारतीय दूतावास के कर्मचारी उन्हें सीमा तक ले गए, जिसके बाद लेबनान में हमारे मिशन ने उनका स्वागत किया और उनके इमिग्रेशन की सुविधा प्रदान की गई.
Tags: International news, Middle east, Syria war, World newsFIRST PUBLISHED : December 15, 2024, 08:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed