तमिलनाडु में 40 हजार मंदिरों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
तमिलनाडु में 40 हजार मंदिरों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
Supreme Court, Subramanian Swamy, Tamli Nadu: स्वामी ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा ‘अर्चकों’ की नियुक्ति के संबंध में अंतरिम राहत का अनुरोध किया है, जिसके बाद पीठ ने एक नोटिस जारी किया. पीठ ने कहा कि मामले पर अगले महीने लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी पर सोमवार को तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य ने करीब 40,000 मंदिरों और अन्य हिंदू धार्मिक संस्थाओं पर ‘‘मनमाने ढंग से’’ कब्जा कर लिया है.
स्वामी ने तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धार्मिक विन्यास अधिनियम, 1959 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है, जिसका कथित तौर पर राज्य सरकार द्वारा ‘‘मनमाने ढंग से और असंवैधानिक रूप से’’ इन मंदिरों और हिंदू धार्मिक संस्थाओं के प्रशासन, प्रबंधन और नियंत्रण पर कब्जा करने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
शीर्ष अदालत ने अर्जी के निपटारे तक राज्य के मंदिरों और हिंदू धार्मिक संस्थाओं में ‘अर्चकों’ (पुजारियों) की नियुक्ति या बर्खास्तगी से राज्य को रोकने के लिए अंतरिम राहत के अनुरोध पर भी नोटिस जारी किया.
कोर्ट ने स्वामी से कही ये बात
सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने स्वामी से कहा कि इसी तरह के मुद्दों को उठाने वाली कुछ रिट याचिकाएं शीर्ष अदालत में लंबित हैं. न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि उनके पास उन याचिकाओं में से एक पर विचार करने का अवसर है और इस अर्जी को इसके साथ सूचीबद्ध किया जा सकता है. स्वामी ने पीठ से कहा, ‘‘आप तब नोटिस जारी कर सकते हैं.’’
अदालत ने तमिलनाडु सरकार को जारी किया नोटिस
शीर्ष अदालत ने अर्जी पर नोटिस जारी किया और इस पर तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा. पीठ ने कहा कि अर्जी पर लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी. स्वामी ने कहा, ‘‘आपसे एक छोटा सा अनुरोध है…मैंने अंतरिम रोक के लिए कहा है क्योंकि यह एक महामारी बन रही है.’’ साथ ही, स्वामी ने कहा, ‘‘इसलिए, मैंने अंतरिम रोक का अनुरोध किया है.’’ पीठ ने कहा, ‘‘किस तरह का अंतरिम स्थगन. अभी हम इस अधिनियम पर रोक नहीं लगा सकते.’’
स्वामी ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा ‘अर्चकों’ की नियुक्ति के संबंध में अंतरिम राहत का अनुरोध किया है, जिसके बाद पीठ ने एक नोटिस जारी किया. पीठ ने कहा कि मामले पर अगले महीने लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी.
अर्जी में 1959 के अधिनियम की धारा 21, 23, 27, 28, 47, 49, 49बी, 53, 55, 56 और 114 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. अर्जी में कहा गया है, ‘‘अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करके, प्रतिवादी-सरकार ने धर्म का पालन करने, इसे मानने और अपने धर्म का प्रचार करने के संबंध में हिंदुओं के अधिकारों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए तमिलनाडु में लगभग 40,000 हिंदू मंदिरों पर कब्जा कर लिया है.’’
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Tags: Delhi news, Supreme Court, TamilnaduFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 20:11 IST