ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया की याद में हुआ था इस इमारत का निर्माण

इस इमारत का महत्व इतना है कि ब्रिटिश सत्ता से भारत की आजादी दिलाने के लिए उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरोजनी नायडू और रफी अहमद किदवई जैसे दिग्गजों ने भी यहां पहुंचकर आजादी के मतवालों के समर्थन में सभा की।

ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया की याद में हुआ था इस इमारत का निर्माण
विशाल तिवारी/सुल्तानपुर: सुलतानपुर शहर में एक ऐसी इमारत जो कभी अंग्रेजों की शान ओ शौकत हुआ करती थी. उसको अब सुंदरलाल मेमोरियल हाल के नाम से जाना जाता है. लेकिन यह हाल ब्रिटिश हुकूमत में विक्टोरिया मंजिल के नाम से मशहूर था. इस इमारत का महत्व इतना है कि जब भी सुल्तानपुर की ऐतिहासिक धरोहरों की चर्चा की जाती है, तो इस इमारत का जिक्र जरूर किया जाता है. क्योंकि देश की आजादी में भी इस इमारत का महत्वपूर्ण योगदान है. महात्मा गांधी ने जब पूर्ण स्वराज की मांग की और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की, तो सुल्तानपुर जनपद में स्वतंत्रता प्रेमी सक्रिय हो उठे और चरखे के आकार का तिरंगा इस ऐतिहासिक इमारत पर फहराने की जिद करने लगे. अंग्रेजों की जी हजूरी करने वाले उस समय के पालिकाध्यक्ष ने जब इन्कार कर दिया, तो जिले में झंडा सत्याग्रह के नाम से एक वृहद आंदोलन की लहर उठ गई. जिसकी गूंज लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंची. पंडित जवाहरलाल नेहरू भी पहुंचे हैं इस इमारत पर ब्रिटिश सत्ता से भारत की आजादी दिलाने के लिए उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरोजनी नायडू और रफी अहमद किदवई जैसे दिग्गजों ने भी यहां पहुंचकर आजादी के मतवालों के समर्थन में सभा की. जिलाधिकारी कार्यालय के विपरीत है यह मंजिल सुल्तानपुर कलेक्ट्रेट के विपरीत सिविल लाइन में एक चर्च है, जिसे क्राइस्ट चर्च के नाम से जाना जाता है जिसका निर्माण 16 नवंबर 1869 को प्रारम्भ किया गया था. वहीं दक्षिण की ओर चर्च के बगल में, विक्टोरिया मंजिल है, जो रानी विक्टोरिया की पहली जयंती की याद में बनी हुई है. अब इसे ही सुंदर लाल मेमोरियल हॉल भी कहा जाता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 16:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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