हम टिटहरी नहीं जो आसमान गिरने का अफजाल अंसारी का प्लान करेगा काम
हम टिटहरी नहीं जो आसमान गिरने का अफजाल अंसारी का प्लान करेगा काम
सोमवार को अफजाल के बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट अपना आदेश सुरक्षित रख सकता है. वहीं अभियोजन पक्ष ने मांग की है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी सजा को बरकरार रखा जाए.
Arunima/गाजीपुरः गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस बीच उनकी बेटी नुसरत अंसारी भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं, जो कि इसे अफजाल अंसारी की तरफ से एक बड़ा कदम माना जा रहा है. दरअसल, एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने वाला है, जिसमें अटकलें लगाई जा रही हैं कि अफजाल अंसारी की सजा को बरकरार रखा जा सकता है, ऐसे में अफजाली अंसारी ने बैकअप के तौर पर अपनी बेटी को चुनावी मैदान में उतार दिया है. वहीं जब न्यूज18 ने अफजल अंसारी से हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “हम टिटहरी नहीं हैं जो पैर ऊपर कर के आसमान गिरने का इंतजार करें.
सोमवार को अफजाल के बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट अपना आदेश सुरक्षित रख सकता है. वहीं अभियोजन पक्ष ने मांग की है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी सजा को बरकरार रखा जाए. गाजीपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि अदालत का फैसला अंसारी के खिलाफ जाएगा, जिससे 1 जून को गाजीपुर में मतदान से ठीक पहले उन्हें चुनाव प्रक्रिया से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. वहीं अफजाल अंसारी ने अपनी बेटी नुसरत अंसारी को गाजीपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है. जब उनसे पूछा गया कि अयोग्यता की स्थिति में क्या यह उनकी बैकअप योजना थी, तो जुझारू अंसारी ने अपने परिवार की स्वतंत्रता सेनानी विरासत और अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा की ओर इशारा किया.
उन्होंने कहा, ‘मनोज सिन्हा के बेटे को राजनीतिक सपना देखने का हक है. लेकिन अफजाल अंसारी की बेटी को नहीं? अंसारी साहब (अफजाल अंसारी के पिता, जो कि स्वतंत्रता सेनानी थे) की बेटी जोहरा बेगम, जो कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर जेल गईं, उनके परिवार को चुनाव लड़ने का हक नहीं है? हम उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो कि उत्पीड़न जारी रखना चाहते हैं.’
दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएट उनकी बेटी नुसरत पहले ही चुनाव प्रचार के लिए निकल चुकी थीं. ऊपरी तौर पर यह पिता-पुत्री के बीच मुकाबला जैसा लग रहा है. लेकिन अंसारी समर्थकों को इसमें कोई संदेह नहीं है कि अफजाल अंसारी ने अदालत के आदेश को लेकर कोई भी खतरा मोल न लेते हुए राजनीतिक विरासत अपनी बेटी को सौंपने का फैसला किया है.
अंसारी को पिछले साल सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. जब गाजीपुर की एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय से संबंधित गैंगस्टर एक्ट मामले में उन्हें दोषी ठहराया और चार साल की सजा सुनाई. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी, जिससे दो बार के सांसद के लिए फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले का फैसला हाई कोर्ट द्वारा 30 जून तक किया जाए.
इस बीच, अफ़ज़ाल अंसारी को उम्मीद है कि सहानुभूति कार्ड से परिवार को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘सरकार अपनी पूरी ताकत लगा सकती है लेकिन अंततः जनता जो निर्णय लेगी वही मान्य होगा. इंकलाब मेरी किस्मत में है.’ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले अफजल ने न्यूज 18 को बताया, ‘मैं अफजल अंसारी हूं और मैं संघर्ष करने के लिए ही बना हूं, मैं इसे अपनी आखिरी सांस तक करूंगा.’
Tags: Loksabha Election 2024, UP newsFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 10:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed