बेहद खास है सीताकुंड रामायण और रामचरित मानस में भी जिक्र

आज भी, हर वर्ष अयोध्या से संतों की टोली जब श्रृंगवेरपुर के लिए प्रस्थान करती है, तो वे सीताकुंड घाट पर विश्राम करते हैं, जिससे रामायण काल की स्मृतियां ताजा हो जाती हैं.

बेहद खास है सीताकुंड रामायण और रामचरित मानस में भी जिक्र
सुल्तानपुर: यहां का ऐतिहासिक सीताकुंड, जिसे रामायण और रामचरितमानस में उल्लेखित किया गया है, न केवल सनातन धर्मावलंबियों के लिए बल्कि सिख धर्म के अनुयायियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. सुल्तानपुर शहर में गोमती नदी के किनारे स्थित सीताकुंड घाट, एक ऐसा पवित्र स्थल है जो शहर की ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है. यह वह स्थान है जहां प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ रात्रि विश्राम किया था. उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने इस स्थल को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्रदान की है. आज भी, हर वर्ष अयोध्या से संतों की टोली जब श्रृंगवेरपुर के लिए प्रस्थान करती है, तो वे सीताकुंड घाट पर विश्राम करते हैं, जिससे रामायण काल की स्मृतियां ताजा हो जाती हैं. यह स्थान सदियों से सीताकुंड घाट के नाम से प्रसिद्ध है, और ब्रिटिश काल में लिखे गए ‘गजेटियर ऑफ अवध’ में भी इसका उल्लेख मिलता है. सिख धर्म के साथ सीताकुंड का जुड़ाव सीताकुंड का संबंध केवल सनातन धर्म से ही नहीं है, बल्कि यह स्थल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए भी पवित्र है. सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव और नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर, जब देश भ्रमण पर निकले थे, तब उन्होंने सीताकुंड घाट के महत्व को समझा और यहां विश्राम किया था. इस कारण सिख समुदाय भी इसे तीर्थस्थल के रूप में मान्यता देता है. गोमती नदी के किनारे स्थित आस्था का केंद्र सीताकुंड घाट, गोमती नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है, जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यह स्थल जिले के प्रमुख पर्यटक स्थलों में भी उच्च स्थान पर स्थित है. यहां स्थित मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, और शाम के समय इस मंदिर से गोमती नदी का दृश्य अत्यंत मनोहारी दिखाई देता है. ह्वेनसांग का सीताकुंड का अवलोकन इतिहासकारों के अनुसार, हर्षवर्धन के काल में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने जब भारत यात्रा की, तो उन्होंने सीताकुंड का अवलोकन किया और इसके धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को समझा था. सीताकुंड न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें हमारी समृद्ध परंपराओं से जोड़ता है. Tags: Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 16:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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