Stubble Burning: सरकारी दावे फुस्‍स हरियाणा-पंजाब में थम नहीं रहीं पराली जलाने की घटनाएं

Bad AQI: हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं से सबसे ज्‍यादा दिल्‍ली-एनसीआर का क्षेत्र प्रभावित होता है. हवा की गुणवत्‍ता इस कदर बिगड़ जाती है कि उसमें सांस लेना मुश्किल हो जाता है. AQI का स्‍तर बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है, जिसमें सांस लेना मुश्किल हो जाता है. खासकर बुजुर्गो, बच्‍चों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है.

Stubble Burning: सरकारी दावे फुस्‍स हरियाणा-पंजाब में थम नहीं रहीं पराली जलाने की घटनाएं
नई दिल्‍ली. सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो जाती है. अन्‍य वजहों के साथ राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के पड़ोसी राज्‍यों में पराली जलाने की घटनाओं को इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्‍मेदार ठहराया जाता है. राज्‍य सरकारें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तमाम तरह की कोशिशें करने का दावा करती हैं. हालांकि, उनका यह दावा हवा में ही दिखती है. हरियाणा और पंजाब में धड़ल्‍ले से पराली जलाई जा रही है जो सरकारी दावों को धता बता रही हैं. हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इसका असर दिल्‍ली-एनसीआर में सीधे तौर पर पड़ता है. पिछले दिनों हरियाणा में पराली जलाने की 250 घटनाएं सामने आईं. कैथल में ऐसे रिकॉर्ड 77 मामले सामने आए. इससे स्‍थानीय प्रशासन भी सकते में है. डिप्‍टी कलेक्‍टर ने बताया कि पराली जलाने की घटनाएं दोगुरी हो गई हैं, क्‍योंकि यह फसल काटने और बुआई का समय है. किसान बड़े पैमाने पर कृषि कार्य में लगे हुए हैं. डिप्‍टी कलेक्‍टर के अनुसार, किसानों ने उन्‍हें बताया कि पटाखों की वजह से भी आग लगी है, ऐसे में सभी लोकेशन की जांच की जा रही है. हरियाणा के कैथल में किसानों द्वारा खेत में पराली जलाया जा रहा है. सूचना मिलने पर प्रदुषण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मौके पर पहुंचे और पराली न जलाने को लेकर स्‍थानीय लोगों एवं किसानों को समझाया. पराली जलाने के मामले में हॉटस्‍पॉट बने पंजाब के ये 3 जिले, AQI बिगाड़ने के लिए हैं जिम्‍मेदार पिछले दिनों कैथल में पराली जलाने की 77 घटनाएं सामने आईं. (ANI) हरियाणा के पड़ोसी राज्‍य पंजाब में भी पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. सरकार द्वारा किसानों से अपील करने के बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. पराली जलाने का सिलसिला लगातार जारी है. प्रदेश में व्‍यापक पैमाने पर ऐसी घटनाएं सामने आने से सरकार की परेशानी बढ़ गई है. लुधियाना के कनीजा में किसानों को पराली जलाते हुए देखा गया. बता दें कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही गई है, लेकिन इसके बावजूद इसका खास असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है. किसान पहले की ही तरह अपने खेतों में पराली जला रहे हैं. हरियाणा-पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं से सबसे ज्‍यादा दिल्‍ली-एनसीआर का क्षेत्र प्रभावित होता है. हवा की गुणवत्‍ता इस कदर बिगड़ जाती है कि उसमें सांस लेना मुश्किल हो जाता है. AQI का स्‍तर बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है, जिसमें सांस लेना मुश्किल हो जाता है. खासकर बुजुर्गो, बच्‍चों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है. पराली जलाने का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है, लेकिन अभी इसका मुकम्‍मल समाधान नहीं निकल सका है. (इनपुट: ANI) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: National News, Pollution AQI Level, Stubble BurningFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 06:48 IST