रजनीगंधा के फूलों की खेती कर किसान हो रहे मालामाल घर बैठे ही बन रहे हैं लखपति
रजनीगंधा के फूलों की खेती कर किसान हो रहे मालामाल घर बैठे ही बन रहे हैं लखपति
Rajnigandha Farming: यूपी के सहारनपुर के किसान तरह-तरह से फूलों की खेती करते हैं. जहां फूल की खेती से किसान अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं. वहीं, सहारनपुर के एक किसान रजनीगंधा फूल की खेती करते हैं. किसान ने बताया कि फूल को बाजार में 800 रुपए किलो में आसानी से बेचा जा सकता है.
सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर में विभिन्न तरह के फूलों की खेती की जाती है, लेकिन इनमें से रजनीगंधा फूल सबसे अलग है. सहारनपुर के तीतरों के रहने वाले किसान विक्की सैनी ने अपने खेत में रजनीगंधा फूल की खेती शुरू की है. किसान का कहना है कि वह कोलकाता से रजनीगंधा फूल का बीज लेकर आए थे. जिसको उसने अपने लगभग 8 बीघा खेत में लगाया है.
15 साल से कर रहे हैं रजनीगंधा फूल खेती
बता दें कि रजनीगंधा फूल की खेती में पानी की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती है. जबकि गोबर के खाद से ही पूरी खेती हो जाती है. किसान विक्की सैनी 15 साल से रजनीगंधा फूल की खेती करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि जब उन्होंने इसकी खेती शुरू की थी. तब वह एकमात्र ऐसे किसान थे, लेकिन अब उन्हीं के गांव में लगभग 250 बीघा खेत में रजनीगंधा फूल की खेती किसान कर रहे हैं, जिनको अच्छा मुनाफा भी हो रहा है.
रजनीगंधा फूल किसानों को कर देता है मालामाल
रजनीगंधा फूल यूं तो 12 महीने चलता है, लेकिन त्यौहारों के समय इस फूल की डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि इसकी मांग को पूरा नहीं किया जा सकता है. किसान विक्की सैनी बताते हैं कि त्यौहारों में 700 रुपए किलो से लेकर 800 रुपए किलो तक रजनीगंधा फूल मंडी में बिक जाता है. यह घर को सजाने से लेकर शादी समारोह, पूजा पाठ, दुल्हन की माला जयमाला और गजरे में इस फूल का इस्तेमाल होता है.
साल भर किसान करते हैं इसकी खेती
वहीं, सहारनपुर से इस रजनीगंधा फूल को हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड सहित दिल्ली की मंडी में भेजा जाता है. रजनीगंधा फूल की खेती किसान 12 महीने करना पसंद करते हैं. इस फूल को रोजाना तोड़कर मंडी में भेजा जाता है, यानी कि किसान को रोजाना कैश में पेमेंट होती है. रजनीगंधा फूल की खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा रहे हैं.
Tags: Agriculture, Local18, Saharanpur news, Success Story, Successful businesswomanFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 14:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed