गाना हुआ फेमस तो लोगों ने मारकर नाले में फेंका फिर ऐसे बची जानअब बना प्रधान

Vijay Kumar Maurya Story:विजय कुमार मौर्य द्वारा जब यह गाना गाया गया, उसके बाद विजय कुमार मौर्य को कुछ लोगों ने नहर में मार कर फेंक दिया. लेकिन अपने दोस्त अमित और गांव वालों की मदद से विजय कुमार मौर्य बच गए. इस घटना ने उस समय चर्चा की गलियों में कोलाहल मचा दिया

गाना हुआ फेमस तो लोगों ने मारकर नाले में फेंका फिर ऐसे बची जानअब बना प्रधान
विशाल तिवारी / सुल्तानपुर: “जा तू रोज मिलत रहलू, हमके धम्मौर बजरिया में….” इस गाने को गाने वाले विजय कुमार मौर्य को साल 2011 में नहर में मार कर फेंक दिया गया था. लेकिन कुदरत का ऐसा करिश्मा दिखा कि गांव वालों की मदद से विजय कुमार बच गए. उन्होंने उस समय भोजपुरी स्टार रहे मनोज तिवारी से मुलाकात कर पूरे प्रकरण की जानकारी दी. और उनसे सहयोग मांगा. उस दरमियां मनोज तिवारी ने भी विजय कुमार को काफी सपोर्ट किया. आपको बता दें कि विजय कुमार द्वारा गाया गया यह गाना यूट्यूब पर लगभग 10 लाख से अधिक लोग सुन चुके हैं सिर्फ इतना ही नहीं यह गाना विजय कुमार की निजी जिंदगी पर विवेक पाठक द्वारा लिखा गया था. विजय कुमार मौर्य द्वारा गाया गया यह गाना सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली समेत अवध में काफी चर्चित रहा. क्योंकि उस समय भोजपुरी इंडस्ट्री में प्रतियोगिताएं कम थी और अवधी भाषा में गाया गया यह गाना क्षेत्रीय लोगों को काफी पसंद आया. सच्ची घटना की थी क्षेत्र में चर्चा विजय कुमार मौर्य द्वारा जब यह गाना गाया गया, उसके बाद विजय कुमार मौर्य को कुछ लोगों ने नहर में मार कर फेंक दिया. लेकिन अपने दोस्त अमित और गांव वालों की मदद से विजय कुमार मौर्य बच गए. इस घटना ने उस समय चर्चा की गलियों में कोलाहल मचा दिया था. बातचीत के दौरान विजय कुमार ने बताया कि 16 साल की उम्र में उनको एक लड़की से प्रेम हुआ. लेकिन उनका मिलन शायद ईश्वर को मंजूर नहीं था. इसलिए उनको यह गीत गाना पड़ा, जिसके बाद उनके जीवन में अनेक परिवर्तन आ गए. मां के कहने पर गांव नहीं छोड़ा साल 2011 में जब यह गाना अत्यंत प्रसिद्ध हुआ और विजय कुमार ने भी काफी नाम कमाया, तो मां को इस बात का डर सताने लगा कि मेरा बेटा कहीं मुझसे दूर न हो जाए. इसलिए मां ने विजय कुमार को इस गीत संगीत के क्षेत्र को छोड़ने को कहा, ताकि वह परिवार को कहीं छोड़कर न चला जाए. ऐसे में मां की बात मानते हुए विजय कुमार ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया. प्रधान बन कर रहे जनता की सेवा कहते हैं जिंदगी कब और कहां मोड़ ले ले किसी को नहीं पता होता. कुछ ऐसा ही हुआ विजय कुमार के साथ हुआ. गीत संगीत के क्षेत्र को छोड़कर विजय कुमार अब सुल्तानपुर के एक गांव ‘शनिचरा’ के प्रधान बन गए हैं. और लोगों की सेवा कर रहे हैं. हालांकि बातचीत के दौरान विजय कुमार ने बताया कि वह फिर से गीत संगीत के क्षेत्र में आना चाहते हैं. Tags: Local18, Sultanpur newsFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 14:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed