ऋषियों का तपोस्थली रहा है UP का ये इलाका मुनि अगस्त्य ने की है साधना
ऋषियों का तपोस्थली रहा है UP का ये इलाका मुनि अगस्त्य ने की है साधना
आध्यात्मिक धर्मगुरू त्रियोगी नारायण मिश्र ने बताया कि विंध्य क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त करने के लिए मुनि अगस्त्य व आदिगुरू सहित कई संत आएं थे. विंध्य पर्वत साधना का केंद्र है. साधक की साधना इसी पर्वत पर पूरा होता है.
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : विंध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवसिनी का धाम विशेष है. मां अपने तीनों रुपों के साथ विंध्य पर्वत पर विराजमान है, जो भक्तों का कल्याण कर रही है. आध्यात्मिक स्थल मां विंध्यवासिनी धाम न सिर्फ लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र है, बल्कि यह ऋषियों की तपोस्थली भी रहा है. विंध्य पर्वत पर ही ऋषि अगस्त, देवरहा बाबा, गोरखनाथ सहित कई संतों ने तपस्या की है. आज भी यह पर्वत विश्वभर के साधकों की पहली पसंद है. साधक की तपस्या विंध्य पर्वत पर बिना साधना किए अधूरा है.
आध्यात्मिक धर्मगुरु त्रियोगी नारायण मिश्र ने बताया कि विंध्य क्षेत्र हजारों सालों से ज्ञान प्राप्त करने का तपोस्थली भी रहा है. विंध्य पर्वत पर मुनि अगस्त्य ने साधना की थी. वहीं, सभ्यता व संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए ज्ञान यात्रा शुरू की थी. मां की महान शक्तियों के अनुभव के लिए कई ऋषि व संत इस धरा पर पहुंचे थे. यहीं पर सप्त सागर में सप्तऋषियों को ज्ञान प्राप्त हुआ था, जिनके साक्ष्य आज भी मौजूद है.
गुरु शंकराचार्य, स्वामी करपात्री व गोरखनाथ बाबा ने की है साधना
त्रियोगी नारायण मिश्र ने बताया कि गुरु शंकराचार्य को मां की चमत्कारिक शक्तियों का अनुभव प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा था कि विंध्य पर्वत पर बिना साधना किए साधक की साधना अधूरा है. वहीं, स्वामी करपात्री महाराज,अवधूत राम, माता आनंदमयी, तैलंग स्वामी, महागुरु गोरखनाथ, योगीराज देवरहा बाबा जैसे संतो ने इस भूमि पर साधना की है. विंध्य क्षेत्र का कण-कण दैवीय ऊर्जा का स्रोत है. यहां साधक की सिद्धि अल्प समय में प्राप्त हो जाता है. मां भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती है. इसलिए यह धाम नहीं बल्कि पूरा क्षेत्र विशेष है.
Tags: Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 10:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed