NPK और पानी का इस अनुपात में करें छिड़काव धान के दानों का बढ़ जाएगा वजन
NPK और पानी का इस अनुपात में करें छिड़काव धान के दानों का बढ़ जाएगा वजन
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि इस समय अगर किसान धान की फसल में घुलनशील नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का छिड़काव कर दें, तो धान के पौधे में बालियां एक साथ निकलेंगी, दाने चमकदार होंगे.
शाहजहांपुर: सितंबर का महीना धान की फसल के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. इन दिनों धान में बाली निकलने की प्रक्रिया होती है. साथ ही बाली से दाने बनने का महत्वपूर्ण समय भी होता है. ऐसे में जरूरी है कि धान की फसल के दाने स्वस्थ और चमकदार रहें, इसके लिए किसानों को कुछ खास सावधानी बरतनी की जरूरत है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि बाली निकलते समय अगर किसान जरूरी उपाय कर लें तो बाली में एक साथ निकलेंगे और दाने चमकदार और वजनदार होंगे.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि इस समय अगर किसान धान की फसल में घुलनशील नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का छिड़काव कर दें, तो धान के पौधे में बालियां एक साथ निकलेंगी, दाने चमकदार होंगे, दाने स्वस्थ होंगे. जिसकी वजह से किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. खास बात यह भी है कि धान के पौधों को अतिरिक्त पोषण मिल जाएगा और विपरीत परिस्थितियों में भी पौधे मजबूती के साथ खड़े रहेंगे.
एनपीके का ऐसे करें छिड़काव
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर धान की फसल के पौधे कमजोर हैं. पत्तों पर पीलापन है तो किसान एनपीके 19:19:19, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश पाया जाता है. किसान एक से दो किलोग्राम एनपीके 200 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ फसल में छिड़काव कर सकते हैं. ऐसा करने से बाली में चमक आ जाएगी, दाने वजनदार होंगे. किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. इसके अलावा किसान 00:00:50 का छिड़काव भी कर सकते हैं. जिसमें की 50% पोटाश पाई जाती है. किसान एक से दो किलोग्राम 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें. धान के दानों का वजन बढ़ेगा, चमक बढ़ने के साथ-साथ रोगों से बचाव होगा और कम लागत में अच्छा उत्पादन मिलेगा. एनपीके की कीमत बाजार में करीब 150 रुपए किलो तक रहती है, जिसे किसी पंजीकृत दुकान से ही खरीद सकते हैं.
भूलकर भी न करें ये गलती
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर किसानों की धान की फसल 55 से 60 दिन की हो गई है और बालियां निकल रही हों तो वह नाइट्रोजन का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें. नाइट्रोजन का इस्तेमाल करने से धान के पौधों के पत्तों में कोमलता बढ़ेगी, पानी की मात्रा बढ़ेगी, मिठास बढ़ेगी और कीट आकर्षित होंगे उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 16:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed