होम लोन की EMI घटेगी या एफडी पर ब्याज बढ़ेगा 7 मई को हो जाएगा फैसला

रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है.

होम लोन की EMI घटेगी या एफडी पर ब्याज बढ़ेगा 7 मई को हो जाएगा फैसला
मुंबई. पिछले कुछ महीनों से लगातार लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब होम लोन पर ब्याज की दरें कम होंगी और ईएमआई का बोझ कम होगा. हालांकि, अब तक रिजर्व बैंक ने इस तरह की कोई राहत नहीं दी लेकिन संकेत जरूर दिए हैं. अब फिर रिजर्व बैंक शुक्रवार, 7 मई को पॉलिसी रेट का ऐलान करेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक मासिक बैठक बुधवार को शुरू हुई. ऐसा माना जा रहा है कि एमपीसी प्रमुख ब्याज दर रेपो को यथावत रखेगी. अगर ऐसा होता है तो इस बार भी ईएमआई नहीं घटेगी लेकिन एफडी और बचत योजनाओं पर ज्यादा ब्याज मिलता रहेगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास आगामी शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करेंगे. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर (रेपो) में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है. फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है. अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से बचेगी. ये भी पढ़ें- कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद! शेयर बाजार की तेज मूवमेंट के बीच क्या करें निवेशक? कैसे समझें चाल फरवरी 2023 में बढ़ाई थी ब्याज दर केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है. एसबीआई के एक शोध पत्र के अनुसार, केंद्रीय बैंक को उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय पर बरकरार रहना चाहिए. ‘एमपीसी बैठक की प्रस्तावना’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गई कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो दर में कटौती करेगा और ‘‘ यह कटौती कम रहने की संभावना है. ’’ इसमें यह भी कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है और उसके बाद जुलाई में घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी. खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े इस महीने के अंत में आंकड़े जारी किए जाएंगे. महंगाई के नियंत्रण में रहने की उम्मीद इसमें कहा गया कि अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है. आरबीआई से उम्मीदों के बारे में हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी. उन्होंने कहा, ‘‘ इसके मद्देनजर यह उम्मीद की जाती है कि आरबीआई एमपीसी मौजूदा मुद्रास्फीति दबावों के बीच अपने वर्तमान नीतिगत रुख को बनाए रखेगी और इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम ही नजर आ रही है.’’ मनसुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर को भी उम्मीद है कि आगामी द्विमासिक नीति में केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर या तो यथावत रखी जाएगी या इसमें कटौती की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘ हमें ऐसे उपायों की उम्मीद है, जो बाजार में नकदी की कमी को कम करेंगे और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाएंगे, जिसका रियल एस्टेट की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.’’ सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है. अरहास के सीईओ सौरभ राय ने कहा कि आरबीआई को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, स्थिरता समाधान के वित्तपोषण और प्रोत्साहन की सुविधा के लिए मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. एमपीसी में तीन बाहरी सदस्य और आरबीआई के तीन अधिकारी शामिल हैं। दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं. Tags: Business news, RBI Governor, Rbi policyFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 18:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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