15 साल बाद मिलेगा प्लॉट का पजेशन फिर भी खरीदारों को लगेगा झटका!
15 साल बाद मिलेगा प्लॉट का पजेशन फिर भी खरीदारों को लगेगा झटका!
Yamuna Authority : भट्टा और पारसौल गांव की जमीन अधिग्रहण को लेकर शुरू हुआ विवाद आपको याद ही होगा. इस विवाद ने यमुना प्राधिकरण की आवासीय जमीन योजना को 15 साल तक लटकाए रखा और अब कोर्ट के आदेश पर खरीदारों को उनका प्लॉट मिलने का रास्ता साफ हुआ है.
हाइलाइट्स यमुना प्राधिकरण ने 2009 में आवासीय स्कीम लांच की थी. इसमें 21 हजार लोगों को प्लॉट बेचने की योजना लाई थी. किसानों के आंदोलन की वजह से मामला कोर्ट में अटका था.
नई दिल्ली. प्लॉट या जमीन खरीदने वालों का एक ही सपना होता है कि उस पर अपने सपनों का आशियाना बनाया जाए. कुछ ऐसी ही ख्वाहिशें लेकर हजारों लोगों ने यमुना एक्सप्रेसवे के पास साल 2009 में प्लॉट खरीदा था. लेकिन, किसानों के विरोध और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के नियमों में यह मामला ऐसा उलझा कि इसे सुलझने में पूरे 15 साल लग गए. आखिर किसानों को ज्यादा पैसे भुगतान करने की शर्त पर कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी और सैकड़ों लोगों को अपनी जमीन पाने का रास्ता भी साफ हो गया. लेकिन, जमीन खरीदारों को फिर भी झटका लगने की आशंका जताई जा रही है.
यह मामला है कि यमुना एक्सप्रेसवे के पास विकसित होने वाले आवासीय प्लॉट का, जहां साल 2009 में यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 18 और 20 में 21 हजार आवासीय प्लॉट बेचने की स्कीम निकाली थी. इसमें ज्यादातर प्लॉट की जमीन का अधिग्रहण तो किसानों से कर लिया गया, लेकिन 14 गांवों के 2,300 प्लॉट की जमीन अधिग्रहण का मामला किसानों के विरोध की वजह से अटक गया. इन गांवों में भट्टा और पारसौल भी शामिल थे. साल 2011 में इस विरोध ने हिंसा का रूप ले लिया और पुलिस-किसान की झड़प में 2 पुलिसकर्मियों और 2 किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही यह मामला हाईकोर्ट में अटका हुआ था.
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किसानों की मांगें पूरी
किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब 700 याचिकाएं दायर कर मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की थी. कोर्ट के दखल के बाद किसानों ने भूमि अधिग्रहण पर हामी भरी और 2024 की शुरुआत में प्राधिकरण 49 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण कर 800 लोगों को प्लॉट पर कब्जा दिलाया. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसानों को 64.7 फीसदी ज्यादा क्षतिपूर्ति राशि देने का फैसला जारी कर दिया, जिसके बाद किसानों ने 86 हेक्टेअर और जमीन का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी. इसके बाद 1,326 लोगों को अपना प्लॉट मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है.
कितने किसानों को फायदा, कौन चुकाएगा पैसा
अदालत के फैसले के बाद खरीदानों को भले ही अपना प्लॉट मिलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है, लेकिन प्राधिकरण के एक कदम ने उनकी चिंताएं फिर बढ़ा दी हैं. प्राधिकरण को दिसंबर, 2024 तक सभी प्लॉट का विकास दर उसे खरीदारों को सौंपना होगा. 500 किसानों को बढ़ी हुई मुआवजा राशि का फायदा मिलेगा. लेकिन, यमुना प्राधिकरण मुआजवे की इस राशि (64.7 फीसदी बढ़ोतरी) को प्लॉट खरीदारों से वसूलने की तैयारी में है. जाहिर है कि मुआवजे की राशि का बोझ प्लॉट खरीदारों के सिर पर ही आएगा.
72 प्लॉट अब भी अटके
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह का कहना है कि अभी तक सारे मामले निपटा लिए गए हैं, सिर्फ 72 प्लॉट की जमीन का अधिग्रहण करना बाकी है. हालांकि, इस बात की पूरी उम्मीद है कि जल्द ही इस जमीन का अधिग्रहण कर खरीदारों का प्लॉट उन्हें आवंटित कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि स्कीम के तहत लांच होने वाले सभी प्लॉट 300-400 वर्गमीटर के थे.
Tags: Business news, Yamuna Authority, Yamuna ExpresswayFIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 11:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed