जिस बात से चिंता में पड़ गए गवर्नर और वित्‍तमंत्री इस सरकारी बैंक को गम नहीं

SBI Loan Growth : रिजर्व बैंक के गवर्नर और देश की वित्‍तमंत्री जिस बात को लेकर लगातार चिंता जता रही हैं, उसका देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक पर कोई असर ही नहीं. बैंक के चेयरमैन का कहना है कि यह हमारे लिए कोई चिंता की बात नहीं है.

जिस बात से चिंता में पड़ गए गवर्नर और वित्‍तमंत्री इस सरकारी बैंक को गम नहीं
हाइलाइट्स गवर्नर और वित्‍तमंत्री ने बैंकों में जमा घटने पर चिंता जताई थी. एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि हमारे पास पर्याप्‍त जमा मौजूद है. एसबीआई में अभी 16 लाख करोड़ का निवेश मौजूद है. नई दिल्‍ली. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि जिस बात को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्‍तमंत्री बार-बार चिंता जता रहे हैं, उसका देश के एक सरकार बैंक पर कोई असर ही नहीं. बैंक के चेयरमैने दो टूक में बात साफ कर दी और कहा कि यह हमारे लिए कोई चुनौती नहीं. बता दें कि गवर्नर शक्तिकांत दास और वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को लेकर कई बार चिंता जताई है और बैंकों से सुधार करने के लिए इस दिशा में बड़ा कदम उठाने की अपील भी की है. आपको याद होगा कि इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ तौर पर कहा कि बैंकों में जमा लगातार घट रहा है और कर्ज की मांग बढ़ रही है. इससे जमा और लोन के बीच का दायरा बढ़ता जा रहा, जो बड़ी चिंता का विषय है. बाद में वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बैंकों से निवेशकों को आकर्षित करने वाली जमा योजनाएं लाने की अपील की थी. इसका सीधा मतलब है कि बैंकिंग सिस्‍टम में जमा होने वाली धनराशि में गिरावट आ रही है. हालांकि, इन चिंताओं का देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई पर कोई असर नहीं पड़ रहा. एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने शुक्रवार को कहा कि जमा में गिरावट हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है और हम लोन बांटने की ग्रोथ का समर्थन करते हैं. ये भी पढ़ें – मुश्किलों का साथी बना सोना! जरूरतमंदों को दिलाए 7 लाख करोड़, क्‍यों इमरजेंसी में सबसे पहले याद आता है गोल्‍ड बताया कैसे करेंगे जुगाड़ दिनेश खारा ने कहा कि एसबीआई ने इस समस्‍या से निपटने का जुगाड़ कर लिया है. कर्ज बांटने के लिए संसाधन जुटाने का विकल्‍प सरकारी प्रतिभूतियों में अपने अतिरिक्त निवेश का एक हिस्सा निकालकर पूरा किया जा रहा है. गौरतलब है कि लगभग दो वर्षों से जमा वृद्धि बैंकिंग प्रणाली के लिए ऋण वृद्धि से पीछे चल रही है.एसबीआई भी अपने कारोबार में इसी तरह का समान रुझान देख रहा है. क्‍यों घट रहा बैंकों में जमा विशेषज्ञों का मानना ​​है कि बैंकों में जमा कम होने के पीछे सबसे बड़ा कारण ज्‍यादा रिटर्न वाले विकल्‍पों में निवेश का बढ़ना है. हालांकि, एसबीआई के शोधकर्ता इसे सांख्यिकी मिथक बताते हैं. इस बारे में पूछे जाने पर एसबीआई चेयरमैन ने कहा, ‘हम अपने कर्ज बही-खाते में वृद्धि का अच्छी तरह से समर्थन करने की स्थिति में हैं. जबतक हम ऋण वृद्धि का अच्छी तरह से समर्थन कर सकते हैं, मुझे नहीं लगता कि हमारे सामने कोई चुनौती है.’ एसबीआई में कितना पैसा जमा दिनेश खारा ने खुलासा किया कि एसबीआई ने अभी कितना पैसा जमा है. उन्होंने कहा कि बैंक के पास 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है और ऋण वृद्धि का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) का एक हिस्सा हटा रहा है. इसके बाद बैंक के पास लोन बांटने लायक और भी राशि आ जाएगी. लिहाजा हमें इस बात की चिंता नहीं कि अभी जमा में गिरावट आ रही है. Tags: Business news, Loan offers, SBI BankFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 18:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed