सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डूब जाएगा 143 लाख निवेशकों का पैसा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डूब जाएगा 143 लाख निवेशकों का पैसा
Investors Loss : शीर्ष अदालत ने आज बैंकों के हित में फैसला देते हुए करीब 1.43 लाख निवेशकों को झटका दे दिया. जेट एयरवेज की संपत्तियां बेचने का फैसला देने से कंपनी के खुदरा निवेशकों को करोड़ों का नुकसान हो सकता है.
हाइलाइट्स जेट एयरवेज में खुदरा निवेशकों के 74 करोड़ रुपये फंसे हैं. कोर्ट ने एसबीआई सहित अन्य बैंकों के हित में फैसला दिया. अब कंपनी के शेयर डीलिस्ट होंगे और पैसा डूब सकता है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐसे फैसले पर मुहर लगाई, जिससे 1.43 लाख निवेशकों की पूंजी डूब सकती है. ये निवेशक बीते करीब साढ़े 5 साल से सुधार की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन आज आए शीर्ष अदालत के फैसलों से बड़ा झटका लगा है. माना जा रहा है कि इन निवेशकों का पूरा पैसा ही इस फैसले के बाद डूब सकता है.
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को जेट एयरवेज के रिवाइवल प्लान को खारिज करते हुए इसके लिक्विडेशन का आदेश दे दिया है. एनसीएलटी के फैसले को पलटते हुए कोर्ट ने कहा कि कंपनी की संपत्तियां बेचकर बकाएदारों का कर्ज चुकाया जाना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने एसबीआई सहित अन्य बैंकों की अपील पर जालान कालरॉक कंसोर्टियम के रिवाइवल प्लान को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कंसोर्टियम अभी तक कंपनी में एक भी पैसे का निवेश करने में असफल रहा है. शीर्ष अदालत का यह फैसला कंपनी के 1.43 लाख निवेशकों के लिए बुरा सपना साबित होने वाला है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों में भी जेट एयरवेज पर भरोसा बनाए रखा था और उसमें निवेश किया है.
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कितने रुपये डूबेंगे
सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद गुरुवार को जेट एयरवेज के स्टॉक 5 फीसदी लोअर सर्किट लगाते हुए करीब 34 रुपये के भाव पर बंद हुए. कंपनी के रिटेल निवेशकों की संख्या देखें तो 2 लाख से कम रकम लगाने वाले करीब 1.43 लाख हैं. इनका कुल निवेश 19.29 फीसदी है, जो करीब 74.6 फीसदी के आसपास बैठता है. विश्लेषकों की मानें तो अब यह रकम पूरी तरह डूबने का खतरा पैदा हो गया है.
पीएनबी की सबसे ज्यादा हिस्सा
30 सितंबर, 2024 तक के आंकड़े देखें तो खुदरा निवेशकों के बाद सबसे बड़ी हिस्सेदारी पीएनबी की है, जिसके पास 26 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा इतिहाद एयरवेज के पास 24 फीसदी तो अर्स्टव्हाइल प्रमोटर्स के पास 25 फीसदी की हिस्सेदारी है. कंपनी का कुल मार्केट कैप 30 सितंबर को 386.69 करोड़ रुपये था.
2019 से ही उम्मीद बांधे हैं निवेशक
आपको जानकर हैरानी होगी कि जेट एयरवेज के विमान अप्रैल, 2019 के बाद से नहीं उड़े हैं और तभी से कंपनी के रिवाइवल की अटकलें लगाई जा रही हैं. आखिरी उम्मीद जालान कालरॉक से थी, जिन्होंने अपने रिजोलुशन प्लान में पब्लिक हिस्सेदारी 25 फीसदी से घटाकर 0.21 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया था. इससे पब्लिश शेयरहोल्डर्स का मार्केट वैल्यू खत्म हो जाता, लेकिन रिवाइवल के तहत निवेशकों को उनका पैसा जरूर मिलता.
क्यों डूब जाएगा निवेशकों का पैसा
जेट एयरवेज में इस साल रोजना औसतन 7.62 लाख शेयरों में ट्रेडिंग हुई है. कंपनी के स्टॉक ने मार्च में साल का हाई 63.15 रुपये को छुआ लेकिन तब से अब तक 46 फीसदी नीचे आ चुका है. अब शीर्ष अदालत के फैसले से कंपनी के शेयर एक्सचेंज से डीलिस्ट किए जा सकते हैं, जैसा कि डीएचएफएल के साथ हुआ था, जब यह कंपनी पिरामल ग्रुप से अलग हुई थी. इसका मतलब हुआ कि अब इस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग नहीं होगी और न ही निवेशक अपना पैसा बेच सकेंगे.
Tags: Business news, Jet airways, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 18:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed