पैसे भी बनाते हैं दूध और मछली! सरकारी योजना से आप बन जाएंगे बड़े व्‍यापारी

Dairy Business: देश में सबसे ज्‍यादा रोजगार देने वाले और आसानी से शुरू किए जाने वाले बिजनेस डेयरी और मत्‍स्‍य पालन को लेकर सरकार ने बड़ी तैयारी की है. आप भी इस बिजनेस से जुड़कर पैसा कमाना चाहते हैं तो सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं.

पैसे भी बनाते हैं दूध और मछली! सरकारी योजना से आप बन जाएंगे बड़े व्‍यापारी
हाइलाइट्स सरकार मत्‍स्‍य उद्योग को संगठित करने पर काम कर रही है. डेयरी प्रोडक्‍ट के निर्यात के लिए भी सरकार ने योजना बनाई है. इन दो उद्यमों को शुरू करने लिए मदद भी मुहैया करा रही है. नई दिल्‍ली. भारत सहित दुनियाभर में डेयरी प्रोडक्‍ट और मछली की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. जाहिर है कि इस प्रोडक्‍ट की जितनी मांग बढ़ेगी, इसका बाजार और व्‍यापार भी उतना ही बढ़ता जाएगा. यह दोनों उद्यम इस तरह के हैं, जिसे अभी तक ज्‍यादा ग्‍लैमर नहीं मिला है और युवा इस बिजनेस से अमूमन दूरी ही बनाए रखते हैं. अब मोदी सरकार ने देश के डेयरी और मत्‍स्‍य यानी मछली पालन उद्योग को बड़े पैमाने तक पहुंचाने और संगठित रूप देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. आप भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर डेयरी अथवा मछली पालन उद्योग के बड़े व्‍यापारी बन सकते हैं. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का कहना है कि अभी तक हमारे देश में मत्‍स्‍य पालन का उद्योग एक संगठित व्‍यापार का रूप नहीं ले सका है. इसके लिए हम मछली पालन का उद्यम शुरू करने के लिए ट्रेनिंग दे रहे और आर्थिक मदद के साथ सब्सिडी वाला कर्ज भी उपलब्‍ध करा रहे हैं. इसके अलावा मछुआरों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी दो बड़े कदम उठाए हैं. इसी तरह, डेयरी उद्योग के लिए मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पहले 100 दिन के भीतर काम शुरू किया गया है. ये भी पढ़ें – क्‍या मुफ्त अनाज योजना में 80 करोड़ लोगों को मिलेगा ज्‍यादा गेहूं? सरकार ने जारी किया 35 लाख टन अतिरिक्‍त अनाज मछुआरों के लिए बनाया ट्रांसपॉन्‍डर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि समंदर में मछली पकड़ने वाले मछुआरों के लिए हमने ट्रांसपॉन्‍डर लांच किया है. इसके एंड्रॉयड फोन में आसानी से लगा सकते हैं. यह ट्रांसपॉन्‍डर मछुआरों को उनके परिवार के साथ संपर्क में रखता है. इसके अलावा ट्रांसपॉन्‍डर के जरिये मछुआरों को चक्रवात या तूफान की जानकारी मिल सकेगी, जिससे जानलेवा घटनाओं पर रोक लगेगी. यह ट्रांसपॉन्‍डर बताएगा कि समंदर में किस क्षेत्र में ज्‍यादा मछलियां हैं, जिससे मछुआरे इधर-उधर भागने से बच जाएंगे. कई बार मछुआरे सीमा पार कर जाते हैं तो इसके जरिये उन्‍हें समंदर में भारतीय सीमा की जानकारी भी मिल जाएगी. टूना मछली का खुलेगा स्‍कोप केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दुनियाभर में टूना मछली की सबसे ज्‍यादा डिमांड है. हमने पता लगाया है कि अंडमान और लक्षद्वीप क्षेत्र में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां करीब 1 लाख टन टूना मछली हर साल समंदर में अपने आप मर जाती हैं. हमने इन मछलियों को बाहर निकालने और उसका निर्यात करने की योजना बनाई है. इसके अलावा नेशनल डिजिटल प्‍लेटफॉर्म भी लांच किया गया है, जिस पर मछुआरे, निर्यातक और खरीदार रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं. इससे मछलियां बेचने और उसे एक्‍सपोर्ट करने में मदद मिलेगी. इससे मछली का निर्यात मौजूदा 60 हजार करोड़ से बढ़कर 1 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है. दूध उत्‍पादन में हम नंबर वन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दूध उत्‍पादन में पहले नंबर पर आ गया है, लेकिन अभी तक हम निर्यात करने की स्थिति में नहीं पहुंचे हैं. इसे हासिल करने के लिए हमारा जोर जानवरों में होने वाली 2 सबसे प्रमुख बीमारियों को खत्‍म करने पर है. देश में हर साल खुर पका और मुंह पका जैसे रोग से लाखों जानवर जान गंवाते हैं. हमने इसे रोकने के लिए किसानों और डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को मुफ्त टीका उपलब्‍ध कराना शुरू कर दिया है. इसे खत्‍म करने के लिए बाकायदा अभियान चला रहे हैं और जल्‍द ही हम दूध निर्यात करने की पोजीशन में पहुंच जाएंगे. Tags: Business news, Camel milk, Trout Fish FarmingFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 13:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed