तुलसी की इस वैरायटी की करें खेती कम लागत में होगी तगड़ी कमाई

किसान आनंद सिंह ने बताया कि तुलसी एक ऐसा पौधा है, जिसके पत्ते, जड़ और तना तीनों ही उपयोगी होता है. तुलसी की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त है. इसकी सबसे बेहतरीन प्रजाति ओसीमम बेसिलिकम है. 1 हेक्टेयर में बोए गए तुलसी के पौधों से 100 किलोग्राम से अधिक तेल निकाला जा सकत है. वहीं मार्केट में तेल की कीमत 2 हजार रूपए प्रति किलो है.

तुलसी की इस वैरायटी की करें खेती कम लागत में होगी तगड़ी कमाई
आजमगढ़. भारत में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है. धर्म के साथ-साथ औषधि के रूप में तुलसी हर घर में अपनी जगह बनाए हुए है. हर घर में तुलसी की पूजा की जाती है. सर्दी, जुकाम सहित अन्य परेशानी में इसे घरेलू नुस्खे के तौपर पर उपयोग किया जाता है. तुलसी की इस विभिन्न गुणात्मक प्रकृति के कारण किसान अब इसकी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. यूपी के आजमगढ़ में किसान आनंद सिंह इसकी खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में है डिमांड किसान आनंद सिंह ने लोकल 18 को बताया कि औषधीय गुणों के कारण ही तुलसी किसानों के लिए कमाई का जरिया बन गया है. तुलसी की फसल महज 90 दिन में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. तुलसी की खेती के लिए शुरुआत में कम लागत की जरूरत होती है. इसके अलावा मामूली देख-रेख और कम उर्वरक के उपयोग से बंपर उत्पादन हासिल कर सकते हैं. तुलसी की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त है. इसकी सबसे बेहतरीन प्रजाति ओसीमम बेसिलिकम है. तेल उत्पादन के लिए यह तुलसी विशेष रूप से उगाई जाती है. इस तुलसी का सबसे ज्यादा प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि और परफ्यूम बनाने में किया जाता है. इसके अलावा तेल की मांग कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी काफी अधिक है. तुलसी की खेती के लिए आदर्श है यह महीना किसान आनंद सिंह ने लोकल 18 को बताया कि तुलसी की खेती के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे अधिक कारगर होता है. इसके लिए बीजों के मााध्यम से नर्सरी तैयार की जाती है. इसके बाद नर्सरी में तैयार हुए बीजों की रोपाई की जाती है. इसके लिए लाइन से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर पौधों को लगाया जाता है और दो लाइनों में लगभग 60 सेमी की दूरी होनी चाहिए. सही से देख-रेख के बाद लगभग 3 महीने फसल पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है. 2 हजार रूपए प्रति किलो बिकता है तेल किसान आनंद सिंह ने लोकल 18 को बताया कि तुलसी एक ऐसा पौधा है, जिसके पत्ते, जड़ और तना तीनों ही उपयोगी होता है. पौधा तैयार होने के बाद में आसवन विधि से तुलसी के पौधे और पत्तियों से तेल निकाल लिया जाता है. 1 हेक्टेयर में बोए गए तुलसी के पौधों से 100 किलोग्राम से अधिक तेल निकाला जा सकत है. वहीं मार्केट में तेल की कीमत 2 हजार रूपए प्रति किलो है. कोरोना काल में तुलसी के तेल की डिमांड बढ़ गई थी. जिससे किसानों को बेहतरीन मुनाफा हुआ था. तुलसी अपनी इस औषधीय गुणों के कारण ही किसानों के लिए बेहतरीन कमिया का जरिया बन गया है. Tags: Agriculture, Azamgarh news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 13:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed