गांव की प्रॉपर्टी पर अब विवाद नहीं! सरकार सवा 2 करोड़ लोगों को दिलाएगी हक
गांव की प्रॉपर्टी पर अब विवाद नहीं! सरकार सवा 2 करोड़ लोगों को दिलाएगी हक
Property Dispute : सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में जमीन से जुड़े विवादों को दूर करने के लिए हर ग्रामीण को उनके प्रॉपर्टी का स्वामित्व दिलाने की योजना बनाई है. इसके लिए देशभर के करीब साढ़े 3 गांवों में सर्वे करके हर किसी की प्रॉपर्टी का स्वामित्व कार्ड दिया जाएगा.
नई दिल्ली. गांव में बने घर-मकान और उनकी जमीनों का स्पष्ट मालिकाना हक न पता होने की वजह से अक्सर विवाद की खबरें सामने आती हैं. तमाम जिलों की दिवानी अदालतें जमीन विवाद के मुकदमों से भरी पड़ी हैं. लेकिन, अब मोदी सरकार ने इन विवादों से निपटने और भविष्य में हर किसी को उसकी जमीन का स्पष्ट मालिकाना हक दिलाने की पूरी तैयारी कर ली है. इसके लिए सरकार बाकायदा ड्रोन से सर्वे करा रही है और 2026 तक करीब सवा 2 करोड़ ग्रामीणों को उनकी प्रॉपर्टी का स्वामित्व कार्ड बांटने की योजना है.
पंचायती राज मंत्रालय के केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक ग्रामीण भारत में संपत्तियों को मान्यता देने और ग्रामीणों को अपनी संपत्ति को क्रेडिट के खिलाफ गिरवी रखने में मदद करने के लिए 2.19 करोड़ स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित करना है. इसमें 58 लाख ऐसे कार्ड शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 गांवों में वितरित किया है. अब तक सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत 1.37 करोड़ स्वामित्व संपत्ति कार्ड बांट चुकी है.
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कर्ज दिलाना है इसका मकसद
पीएम मोदी ने अप्रैल 2020 में स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी, इसका उद्देश्य गांवों में बसे हुए क्षेत्रों (कृषि भूमि के विपरीत) के लिए राजस्व दस्तावेजों में अधिकारों के रिकॉर्ड (RoR) बनाना है. विकासशील देशों में भूमि स्वामित्व स्पष्ट नहीं है. यदि संपत्ति स्वामित्व का अधिकार स्पष्ट नहीं है, तो कोई भी वित्तीय संस्थान किसी को पैसा उधार देने के लिए तैयार नहीं होता. यदि वे वित्तीय संस्थानों से उधार नहीं ले सकते, तो वे कोई आर्थिक गतिविधि नहीं कर सकते. कोई क्रेडिट लिंक नहीं है, क्योंकि संपत्ति का स्वामित्व स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है. हमारा मकसद इन संपत्तियों को क्रेडिट से जोड़ना है, ताकि उन्हें आसानी से कर्ज मिल सके.
3.45 लाख गांवों का होगा सर्वे
विवेक भारद्वाज ने कहा कि यदि आपकी संपत्ति के स्वामित्व के अधिकार स्पष्ट नहीं हैं और आपको उधार लेने की आवश्यकता है, तो आप अपनी ही संपत्ति को गिरवी नहीं रख सकते हैं. लिहाजा हमने ग्रामीण भारत में आबादी वाली जमीन को स्वामित्व योजना के तहत कवर करने की कोशिश की है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली जमीन का नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन और जीआईएस तकनीक के माध्यम से सीमांकन करना भी है. इस योजना के तहत लगभग 3,44,868 गांवों को कवर करने का लक्ष्य है, जिनमें से 92% (3,17,000) गांवों का पहले ही ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण किया जा चुका है.
5 राज्यों ने लागू नहीं की योजना
सचिव का कहना है कि योजना के तहत संपत्तियों के मोनेटाइजेशन को आसान बनाने, बैंकों के कर्ज को सुरक्षित करने और संपत्ति से जुड़े विवादों में कमी लाना है. भारद्वाज ने कहा कि मार्च 2026 तक सभी 344,868 गांवों को कवर किया जाएगा, जो निर्धारित समय से एक साल बाद है, क्योंकि कई राज्य संपत्ति कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में हैं. 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के 662,000 गांवों में से, इस योजना को 344,868 अधिसूचित गांवों में लागू किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, मेघालय और नगालैंड ने इस योजना में भाग नहीं लिया और तमिलनाडु ने केवल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया है.
Tags: Business news, Property dispute, Property marketFIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 12:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed