जम्मू-कश्मीर में चला निर्वाचन आयोग का डंडा दो पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द

Jammu Kashmir News: जम्मू कशमीर में कार्रवाई करते हुए निर्वाचन आयोग ने अभी तक 8 पार्टियों का पंजीकरण रद्द किया है. आयोग का मानना है कि कुछ पार्टियां केवल चुनाव के वक्त ही निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए लोगों के बीच आती है. उनका न तो कोई दफ्तर होता है न ही कोई कार्यक्रम 

जम्मू-कश्मीर में चला निर्वाचन आयोग का डंडा दो पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द
हाइलाइट्सजिन दो दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द हुआ है उनमें जम्मू कशमीर के पूर्व मंत्री हकीम मोहम्मद यासीन का संगठन जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट भी शामिल हैइससे पहले जम्मू कशमीर में निर्वाचन आयोग 6 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर चुका है आयोग को लंबे समय से इन दलों को लेकर काफी शिकायतें मिल रही थीं जम्मू-कश्मीर. भारत के निर्वाचन आयोग ने ऊन राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ सख्ती बरतना शुरु कर दिया है जो सिर्फ चुनावों के समय ही दिखती हैं और फिर गायब हो जाती है. पूरे देश में निर्वाचन आयोग ने ये मुहिम शुरु की हुई है ताकि ऊन पार्टियों को पंजीकरण रद्द किया जा सके जिनका वास्तव में कोई कार्यलय नहीं है और ऊनके नेता आम लोगों के बीच दिखते भी नहीं हैं. भारत के निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कशमीर के पूर्व मंत्री हकीम मोहम्मद यासीन के संगठन जम्मू कशमीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ( पीडीएफ) का पंजीकरण रद्द किया है और साथ ही एक और पार्टी जम्मू कशमीर सेव श्रीनगर फ्रंट ( जेकेएसएसएफ) का भी पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. आयोग के अनुसार जम्मू कशमीर के मुख्य निर्वाचन आधिकारी ने अपनी जांच में पाया है कि इन दोनों पार्टियों का कोई वजूद नहीं है. जानकारी के अनुसार इन दोंनो दलों ने जो अपने कार्यालयों का पता लिखवाया था वहां पर कुछ भी नहीं है. हालांकि आयोग ने कई पत्र ऊन पतों पर लिखे थे लेकिन कोई जवाब नहीं आने के बाद ऊनकी जांच की गई तो दिए गए पता पर कुछ नहीं मिला है. पीडीएफ का गठन पूर्व मंत्री हकीम मोहम्मद यसीन ने किया था जबकि सेव श्रीनगर फ्रंट का गठन एक सेवानिवृत आधिकारी ने किया था, जिसका नाम मुफ्ती निजामुदीन है. 2014 के जम्मू कशमीर विधानसभा चुनावों में ये दोनों दल सामने आए थे लेकिन ऊसके बाद इनकी राजनीतिक गतिवधियां बिल्कुल खत्म हो गईं. कई बार इन दोनों दलों के बारे मे आयोग के पास जानकारियां पहुंचीं तो ऊसके बाद ही जांच की गई. दरअसल पीडीएफ के नेता हकीम सिर्फ अखबारों में ही बयानबाजी करते दिखे जबकि पब्लिक रैलियां या फिर वर्कर मीट वगैरह कुछ नहीं हुआ. वहीं दूसरी तरफ सेव कशमीर फ्रंट तो बिल्कुल गायब ही रहा. इससे पहले जम्मू कशमीर में निर्वाचन आयोग 6 राजनीतिक दलों का पजींकरण रद्द कर चुका है जिनमें  1. जम्मू कशमीर पीपुल्स पैट्रियाटिक फ्रंट, 2 डेमोक्रेटिक जनता दल, 3.जम्मू कशमीर यूनाइटेड फ्रंट, 4. जम्मू कशमीर सिटीजंस पार्टी, 5.जम्मू कशमीर डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनिलस्ट, 6. जम्मू कशमीर अवामी लीग शामिल हैं. कुल आठ राजनितक पार्टियों का पंजीकरण अभी तक निर्वाचन आयोग रद्द कर चुका है हालांकि इसमें जम्मू कशमीर के पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर की भी पार्टी जम्मू कशमीर डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2014 में चुनावों में हिस्सा लिया और खुद मीर हार गए. जम्मू कशमीर अवामी लीग का कशमीर में काफी प्रभाव रहा है क्योंकि इसका गठन पूर्व आतंकी और इख्वान कमांडर कूका परे ने किया था. उसने 1996 में जम्मू कशमीर विधानसभा चुनावों में दो सीटों पर कशमीर में जीत हासिल की थी लेकिन कूका परे के मारे जाने के बाद ऊनके बेटे ने पार्टी को आगे बढाया लेकिन बाद में वह भी कांग्रेस में शामिल हो गया. निर्वाचन आयोग की तरफ से इसी साल इन सभी दलों का पंजीकरण रद्द किया गया है, वहीं दो पार्टियो का बीते दो दिन पहले, बाकी छह पार्टियो का जून 2022 मे पंजीकरण रद्द कर दिया गया था. दरअसल आयोग को काफी शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोगों ने सिर्फ नाम कमाने के लिए राजनीतिक पार्टियों का गठन किया हुआ है. कुछ पार्टियों पर ये आरोप लगे हैं कि वो सिर्फ चुनावों के समय सामने आती हैं और फिर गायब हो जाती हैं. ऊनका मकसद सिर्फ सुरक्षा लेना और चुनावों के नाम पर पैसा कमाना होता है . ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Bihar News, Central Election Commission, Jammu kashir latest newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2022, 13:07 IST