यह भैंस साल भर में देती है 3000 लीटर दूध जानें इस नस्ल की कीमत

Murrah Buffalo in Raebareli: रायबेरली में एक किसान पशुपालन कर रहे हैं. उनके पास मुर्रा नस्ल की भैंसे हैं. इस भैंस की सींग जलेबी के आकार की छोटी-छोटी होती है. इसके साथ ही यह दिनभर में 20 से 22 लीटर तक दूध देती हैं.

यह भैंस साल भर में देती है 3000 लीटर दूध जानें इस नस्ल की कीमत
रायबरेली: पशुपालन लोगों के लिए समृद्धि का द्वार खोलने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. पशुपालन का काम करके लोग अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अब ग्रामीण अंचल से लेकर शहरी क्षेत्र के लोग एवं पढ़े-लिखे युवा भी इसके जरिए अपनी तकदीर बदल रहे हैं, जिसमें वह गाय, भैंस, बकरी के साथ सूअर पालन का काम बड़े स्तर पर कर रहे हैं. भैंस पालन का काम करने वाले पशुपालकों को उन्नत नस्ल की जानकारी न होने के कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसीलिए आज हम उन्हें भैंस की एक खास उन्नत नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसका पालन करके वह अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं भैंस की मुर्रा नस्ल के बारे में जो अपने कई खास गुणों के लिए जानी जाती है. जानें यह है खासियत लोकल 18 से बात करते हुए रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी ) बताते हैं कि मुर्रा नस्ल की भैंस अन्य भैंसों की तुलना में काफी अलग होती है. इसे दुनिया की सबसे दुधारू नस्ल की भैंस कहा जाता है. ऐसे करें भैंस की पहचान मुर्रा नस्ल की भैंस के जलेबी आकर की छोटे सींग होती है. जिनमें नुकीलापन भी रहता है. इनके सिर, पूंछ और पैरों के बाल का रंग सुनहरा, गर्दन और सिर पतला, स्तन भारी और लंबे होते हैं. जहां नाक घुमावदार होती है, जो इसे अन्य नस्ल की भैंसों से अलग पहचान दिलाती है. जानें कहां पाई जाती हैं ये भैंस इंद्रजीत वर्मा बताते हैं की मुर्रा नस्ल की भैंस की उत्पत्ति मुख्य रूप से हरियाणा को माना जाता है. परंतु बढ़ते पशुपालन व्यवसाय की वजह से पंजाब, राजस्थान, बिहार ,उत्तर प्रदेश राज्य में भी मुर्रा नस्ल की भैंस का पालन किसान करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वह बताते हैं कि बाजारों में भैंस लगभग 60 हजार रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक मिलती है. काला सोना है ये भैंस मुर्रा नस्ल की भैंस 1 दिन में लगभग 22 से 25 लीटर तक दूध देती है. इसीलिए इसे बेहद अधिक दुग्ध उत्पादन वाली भैंस माना जाता है, जो एक साल में लगभग 2800 से 3000 हजार लीटर तक का दुग्ध उत्पादन देती हैं. यही कारण है कि इसे काला सोना भी कहा जाता है. वहीं, इसे अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग नाम खुंडी, डेली के नाम से भी जाना जाता है. Tags: Agriculture, Local18, Raebareli NewsFIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 17:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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