रायबरेली: बदलते समय के साथ खेती-किसानी में भी बदलाव आ रहा है. किसान अब धान-गेहूं की परंपरागत खेती छोड़कर सब्जियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. खासतौर पर किसान फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. दरअसल इनकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है. हालांकि, इन सब्जियों में रोग और कीट लगने का खतरा अधिक होता है, जिससे किसानों को फसल के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. ऐसे में, जरूरी है कि किसान समय रहते कीट और रोगों से बचाव के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर आवश्यक एहतियात बरतें.
राजकीय कृषि केंद्र, शिवगढ़, रायबरेली के प्रभारी अधिकारी शिवशंकर वर्मा, जो कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखते हैं, बताते हैं कि फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद होती है. हालांकि, इन फसलों में रोग और कीट लगने का खतरा अधिक रहता है, इसलिए किसानों को फसल की नियमित निगरानी करनी चाहिए. अगर शुरूआती दौर में ही कोई लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर कीटनाशक का छिड़काव करें, जिससे फसल को नुकसान से बचाया जा सके.
फूलगोभी और पत्तागोभी में लगने वाले कीट
कैबेज सेमिलूपर कीट
इस कीट के आगे के पंखों पर सुनहरे रंग का धब्बा होता है, और यह गोभी की पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है. इससे पत्तियों में छोटे छिद्र बन जाते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं. इसके बचाव के लिए 1 मिलीलीटर साइपरमेथ्रीन ईसी दवा को 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
डायमंड बैक माउथ कीट
यह भूरे रंग का कीट है, जिसके पीठ पर सफेद रंग की हीरे जैसी आकृति होती है. मादा कीट पत्तियों पर 365 अंडों तक का समूह बनाती है, जो पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके बचाव के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20% दवाई का 2.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.
अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट कीट
यह कीट गोभी की फसल में गहरे भूरे धब्बे बनाता है, जिससे पत्तियां झुलसने लगती हैं और पौधा सूख जाता है. इसके बचाव के लिए मेनकोजेब 75% का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. समय पर सही उपाय करने से किसान अपनी फसल को इन खतरनाक कीटों से बचा सकते हैं और अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 11:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed