अंग्रेजों के चंगुल से आजाद होने वाला पहला जिला था आजमगढ़ इनका था अहम योगदान
अंग्रेजों के चंगुल से आजाद होने वाला पहला जिला था आजमगढ़ इनका था अहम योगदान
देश की आजादी की लड़ाई में विशेष छाप छोड़ने वाला जिला आजमगढ़ है. यह अंग्रेजों की चंगुल से आजाद होने वाला देश का पहला जिला था. पहली बार 3 जून से 20 जून तक, दूसरी बार 18 जुलाई से 26 अगस्त 1857 तक और तीसरी बार 20 सितंबर से 15 अक्टूबर 1857 तक (कुल 81 दिनों) तक आज़मगढ़ अंग्रेजों के चंगुल से स्वतंत्र रहा.
आजमगढ. यूपी का आजमगढ़ जिला गौरवशाली इतिहास को अपने अंदर समेटे हुए है. भारत की आजादी में विशेष छाप छोड़ने वाला जिला आजमगढ़ है. यह अंग्रेजों के चंगुल से आजाद होने वाला देश का पहला जिला था.
आजादी की पहली लड़ाई में जब पूरे देश में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह फैला हुआ था, उस वक्त आजमगढ़ जिले में भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लोग मोर्चा खोले हुए थे.आजमगढ़ के तत्कालीन राजा ने भी उस वक्त अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करते हुए विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था.
81 दिनों तक अंग्रेजों के चंगुल से आजाद रहा आजमगढ़
1857 में जब देश में अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का पहला विद्रोह चल रहा था, तब आजमगढ़ के जांबाज भी अंग्रेजों को भारत से भागने में कोई कसर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. 3 जून 1857 को जंग बंदन सिंह की गिरफ्तारी से नाराज रज्जब अली ने अपने साथियों के साथ आजमगढ़ जेल पर हमला कर दिया और जेल का फाटक तोड़कर बंद सभी साथियों को छुड़ा लिया था. इसके बाद आजमगढ़ में आजादी का संघर्ष लगातार बढ़ता चला गया. जिसमें तरवां थाना कई दिनों तक जलता रहा. लोग अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्त होना चाहते थे. पहली बार 3 जून से 20 जून तक, दूसरी बार 18 जुलाई से 26 अगस्त 1857 तक और तीसरी बार 20 सितंबर से 15 अक्टूबर 1857 तक (कुल 81 दिनों) तक आज़मगढ़ अंग्रेजों के चंगुल से स्वतंत्र रहा.
वीर कुंवर सिंह का रहा अहम योगदान
आजमगढ़ के आजादी की इस लड़ाई में बिहार के आरा जिले के जगदीशपुर रियासत के राजा कुंवर सिंह का विशेष किरदार रहा. आजमगढ़ के तत्कालीन राजा के आग्रह पर वीर कुंवर सिंह अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए आजमगढ़ जनपद पधारे और यहां के क्रांतिकारीयों के साथ मिलकर तत्कालीन अंग्रेजों के कंपनी बाग पर हमला कर दिया. भयंकर संघर्ष के बाद कुंवर सिंह ने अंग्रेजी सेना को धूल चाटते हुए कंपनी बाग पर कब्जा कर लिया. इसके बाद धीरे-धीरे आजमगढ़ जिले को अंग्रेजों से आजादी मिल गई. अंग्रेजों को पराजित कर उनके सैन्य स्थल एवं गोला बारूद पर कब्जा कर लिया. 1947 में आजादी मिलने के बाद तत्कालीन कंपनी बाग वीर कुंवर सिंह उद्यान के नाम से जाना जाने लगा.
Tags: 1857 Kranti, Azamgarh news, Freedom Struggle, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 17:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed