किसानों को फ्री में मिल रहे इन अनाजों के बीज ऐसे उठाएं लाभ जानिए प्रक्रिया

कृषि सलाहकार बस्ती अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष निशुल्क बीज वितरण होना है, जिसमें 12 कुंतल चना, 60 कुंतल मटर, 14 कुंतल मसूर, 6 कुंतल टौरिया व 84 कुंतल सरसों का निशुल्क बीज वितरण होना है.

किसानों को फ्री में मिल रहे इन अनाजों के बीज ऐसे उठाएं लाभ जानिए प्रक्रिया
बस्ती: देशभर में रबी फसलों की बुवाई की शुरुआत होने जा रही है. कई राज्यों के किसानों ने फसलों की बुवाई भी शुरू कर दी है, वहीं अधिकांश किसान बुवाई की तैयारी में लगे हुए हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने एक प्लान तैयार किया है, जिसके तहत  किसानों को रबी की फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निशुल्क बीज मुहैया कराने की योजना सरकार ने तैयार की है. इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को इस वर्ष दलहन और तिलहन फसलों के बीज मुफ्त में वितरित करेगी. हालांकि राज्य सरकार द्वारा निशुल्क बीज वितरण की योजना तब कारगर साबित होगी. जब किसानों को सही वक्त पर बीज उपलब्ध हो सकेंगे. क्योंकि अक्सर देखा गया है कि फसलों की बुवाई का समय खत्म होने के बाद किसानों तक बीज पहुंचता है. निशुल्क मिलेगा यह बीज कृषि सलाहकार बस्ती अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष निशुल्क बीज वितरण होना है, जिसमें 12 कुंतल चना, 60 कुंतल मटर, 14 कुंतल मसूर, 6 कुंतल टौरिया व 84 कुंतल सरसों का निशुल्क बीज वितरण होना है. उन्होंने बताया कि  पंजीकृत किसान राजकीय कृषि भंडार क्षेत्रीय अधिकारी से सम्पर्क कर यह बीज ले सकते हैं. 50% सब्सिडी पर मिलेगी यह बीज कृषि सलाहकार बस्ती अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बस्ती जिले में 8922 कुंतल बीज का वितरण होना तय है. जिसमें 6172 कुंतल सामान्य बीज वितरण है, 2750 कुंतल प्रदर्शन में है. उन्होंने बताया कि  10 कुंतल जौ, 29 कुंतल चना, 31 कुंतल मटर, 11 कुंतल मसूर, 6 कुंतल तौरिया व 44 कुंतल सरसों का सामान्य बीज वितरण होना है. उन्होंने बताया कि यह बीज किसानों को जिले के किसी भी कृषि भवन से संपर्क स्थापित कर 50% सब्सिडी में तुरंत ले सकते हैं. रबी फसल की खेती के दौरान किसानों को होगा फायदा सितम्बर महीने की शुरुआत में हुई झमाझम बारिश से पोखर, तालाब और कुए जैसे सिंचाई संसाधनों में जल स्तर बढ़ गया है.  जिससे इस बार रबी की फसल की बुवाई और सिंचाई में किसानों को भरपूर फायदा होगा. अगस्त लास्ट पखवाड़े में इन सिंचाई संसाधनों में जल सामान्य से कम था. जिसका मुख्य कारण मानसून बारिश का समय पर न होना और सामान्य से कम बारिश का होना है. कुओं और तालाबों में पानी न होने से किसानों को इस दौरान खरीफ फसलों की बुवाई और सिंचाई में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. फिलहाल रबी फसलों की खेती में इस तरह की किसी भी परेशानी किसानों को नहीं उठानी पड़ेगी. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 15:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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