खेती के साथ यह काम कर किसान की हो गई बल्ले-बल्ले! बंपर कमा रहा मुनाफा

हम बात कर रहे हैं किसान रंणन्जय सिंह की. किसान रणन्जय सिंह गौरीगंज मुख्यालय के रहने वाले हैं. गौरीगंज के रहने वाले किसान रंणन्जय सिंह पोस्ट ग्रेजुएट किसान हैं और उन्होंने 1995 से इस काम को शुरू किया और आज वह कई वर्षों से इस काम को लगातार कर रहे हैं.

खेती के साथ यह काम कर किसान की हो गई बल्ले-बल्ले! बंपर कमा रहा मुनाफा
आदित्य कृष्ण/ अमेठी: खेती किसानी से भी तरक्की की नई इबारत गढ़ी जा सकती है. बस जरूरत है तो मेहनत और लगन की. इसी मेहनत और लगन से अमेठी में किसान खेती किसानी के साथ कई काम कर मुनाफा कमा रहे हैं. किसान न सिर्फ सब्जियां फल और गेहूं धान की खेती करते हैं. बल्कि वह इसी खेत में बची जगह में खाद भी तैयार करते हैं, जिससे उन्हें एक साथ बंपर  मुनाफा हो रहा है. किसान कई बार सम्मानित हो चुके हैं और दूरदर्शन और आकाशवाणी जैसे बड़े प्लेटफार्म पर भी किसानों के लिए प्रेरणा बनकर अपनी आवाज बुलंद करते हैं और उन्हें भी खेती किसानी के लिए जागरुक कर सही सलाह देकर प्रगतिशील बनाने में मदद करते हैं. विभाग की तरफ से उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है और आज वह प्रगतिशील किसान बन चुके हैं. गौरीगंज के रहने वाले हैं किसान हम बात कर रहे हैं किसान रंणन्जय सिंह की. किसान रणन्जय सिंह गौरीगंज मुख्यालय के रहने वाले हैं. गौरीगंज के रहने वाले किसान रंणन्जय सिंह पोस्ट ग्रेजुएट किसान हैं और उन्होंने 1995 से इस काम को शुरू किया और आज वह कई वर्षों से इस काम को लगातार कर रहे हैं. अपने खेतों में मौसमी सब्जियां अमरूद केला आम की फसल तैयार करने के साथ वर्मी कंपोस्ट और जैविक खाद तैयार करते हैं. इस काम से उन्हें काफी फायदा हो रहा है. उन्होंने बताया कि वह इस काम को लंबे समय से कर रहे हैं.  हम किसानों को जागरुक करते हैं रासायनिक खादों के बजाय हमें जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. 90 दिन में खाद हमारी तैयार हो जाती है और इसे हम अपने खेतों में इस्तेमाल करने की साथ-साथ की बिक्री भी करते हैं. किसान हमारी खाद ले जाते हैं. अधिकारी हमारी खाद ले जाते हैं. उसके बदले में हमें पैसे मिलते हैं. उन्होंने कहा कि हमें आकाशवाणी और दूरदर्शन के कार्यक्रम में भी बुलाया जाता है. वहां पर भी हमें आर्थिक फायदा होता है. इसके साथ ही हम अपनी जानकारी को अन्य किसानों से साझा कर उन्हें भी प्रेरणा देकर प्रगतिशील बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सबको रासायनिक खादों को छोड़कर जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे हम बीमार नहीं होंगे और हमारा स्वास्थ्य सही होगा. जब हम स्वस्थ रहेंगे तो हमारा परिवार विकसित होगा और हम आगे तरक्की कर सकेंगे. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 15:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed