इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा में मोटे अनाज (मिलेट्स) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने सक्रियता बढ़ा दी है. कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. आर.एन. सिंह के निर्देशन में हाल ही में एक प्री-शिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें लगभग 60 जागरूक व्यक्तियों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में मोटे अनाज के सेवन और उत्पादन को व्यापक रूप से बढ़ावा देना है. इसके लिए “श्री अन्न योजना” भी संचालित की जा रही है.
एफपीओ को मिलेट्स उत्पादन की ट्रेनिंग
कृषि विभाग ने 50 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मिलेट्स उत्पादन की ट्रेनिंग दी है और उन्हें मिलेट्स किट्स वितरित की गई हैं. इस ट्रेनिंग में मोटे अनाज के फायदे और उनके उत्पादन के तरीके भी बताए गए हैं. विभाग ने मोटे अनाज के व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए भी कदम उठाए हैं, ताकि जिले में इसकी पैदावार को और अधिक बढ़ाया जा सके.
मोटा अनाज: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
मोटा अनाज, जिसे मानव शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जा रहा है, को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने व्यापक प्रयास किए हैं. इटावा जिले में बाजरा, रागी, कोदो, और ज्वार जैसी फसलों की खेती असिंचित क्षेत्रों में की जा रही है. उपनिदेशक आर.एन. सिंह के अनुसार, वर्तमान में 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की खेती की जा रही है. महेवा, चकनगर, और जसवंतनगर क्षेत्रों को विशेष रूप से बाजरा उत्पादन के लिए जाना जाता है.
मिनी किट्स और ट्रेनिंग
कृषि विभाग ने किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए 2,400 बाजरा, 320 आंवा, 235 कोदो, 480 रागी, और 80 ज्वार की मिनी किट्स वितरित की हैं. इसके अलावा, 65 एफपीओ को दो दिवसीय ट्रेनिंग दी गई, जिसमें निर्यातकों को भी बुलाया गया था. इस ट्रेनिंग में उत्पादन तकनीक और बीज उत्पादन के तरीके सिखाए गए.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 16:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed