जाम से राहत दिलाने के लिए नया प्लान ई-रिक्शा के लिए बने ये सख्त नियम

Saharanpur News: ई-रिक्शा का कोई रूट निर्धारित नहीं होने के कारण जाम की समस्या रहती है. इससे आम जनमानस को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इसे देखते हुए अब ट्रैफिक विभाग सभी ई-रिक्शाओं के रूट निर्धारण की कार्रवाई कर रहा है.

जाम से राहत दिलाने के लिए नया प्लान ई-रिक्शा के लिए बने ये सख्त नियम
रिपोर्ट- अंकुर सैनी सहारनपुर: उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला स्मार्ट सिटी में चयनित है उसके बाद भी यहां के लोगों को जाम के झाम से मुक्ति नहीं मिल पा रही है. सबसे ज्यादा जाम ई-रिक्शा से लगता है. ट्रैफिक पुलिस विभाग ने लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है. ट्रैफिक विभाग ने 12 रूट ई-रिक्शा चालकों के लिए तय किए हैं. जिसमें प्रत्येक रूट पर 200 ई-रिक्शा चलेंगे. इन पर कलर कोडिंग भी की जाएगी. जिससे एक-दूसरे के रूट में कोई सेंधमारी न कर सके. इसके साथ ही ई-रिक्शा चालक के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए आवेदन करने वाले पहले 200 ई-रिक्शा चालकों को वरीयता दी जाएगी. सहारनपुर शहर की बात करें तो वहां लगभग 11 से 12 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं जो कि जाम का मुख्य कारण हैं. आवेदन करने के लिए अपने साथ वाहन की मूल आरसी, इंश्योरेंस, चालक का ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र, वाहन मालिक का आधार कार्ड और वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो सहित सभी प्रमाण पत्रों की एक-एक फोटो कॉपी लानी होगी. ई-रिक्शा की होगी कोडिंग एसपी ट्रैफिक सिद्धार्थ वर्मा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि सहारनपुर जिलाधिकारी और एसएसपी के निर्देशानुसार नगर निगम, ARTO विभाग और ट्रैफिक पुलिस विभाग के द्वारा यह पहल की जा रही है. स्मार्ट सिटी होने के बावजूद यहां पर ई-रिक्शा का कोई रूट निर्धारित नहीं है जिस कारण से जाम की समस्या रहती है. इससे आम जनमानस को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. इसी सबको देखते हुए अब ट्रैफिक विभाग सभी ई-रिक्शाओं के रूट निर्धारण की कार्रवाई कर रहा है. शहर में 12 रूट निर्धारित किए गए हैं जिन पर सभी के एप्लीकेशन लिए जा रहे हैं. जिस रूट पर ई-रिक्शा संचालक का निवास होगा उसको उस रूट पर प्राथमिकता दी जाएगी. आवेदन में “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर रूट निर्धारण करके रूट का एक स्टीकर (कलर कोड) दिया जाएगा. प्रत्येक रूट पर अधिकतम 200 ई-रिक्शा चिन्हित कराए जा रहे हैं जबकि जनपद में 10 हजार से अधिक ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं. एक तरफ रूट निर्धारित करने से जाम से राहत मिलेगी वहीं आम जनमानस को किस रूट का रिक्शा कहां पर मिलेगा उस सबकी जानकारी मिलेगी. अगर ई-रिक्शा चालक अपने रूट से अलग चलता हुआ मिला तो उसके ऊपर चालान और अन्य प्रवर्तन की कार्रवाई की जाएगी. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 16:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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