महीनों तक कोरोना संक्रमित रहने वाले हो सकते हैं खतरनाक! नए वेरिएंट्स को उभरने में मिलती है मदद
महीनों तक कोरोना संक्रमित रहने वाले हो सकते हैं खतरनाक! नए वेरिएंट्स को उभरने में मिलती है मदद
पहले के कई रिसर्च से यह जानकारी मिली है कि जो लोग अन्य बीमारियों से संबंधित दवा के सेवन कर रहे थे, वो कोरोना से लंबे वक्त तक ग्रसित रहे. शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे लोगों की पहचान करना बहुत जरुरी है. इससे ने केवल कोरोना के इलाज करने में मदद मिलेगी.
हाइलाइट्सलंबे समय तक कोरोना से संक्रमित रहने वाले नए वैरिएंट को उभरने में मददगार हो सकते हैं.रिसर्च से पता चला है कि कोरोना के नए मामले के मुकाबले पुराने संक्रमित ज्यादा चिंताजनक हैं.शोधकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय तक संक्रमित रहने वाले लोग कोरोना के उपाय में मददगार हो सकते हैं.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस काफी लंबे समय से दुनिया भर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार कोरोना और उसके वैरिएंट को लेकर रिसर्च कर रहे हैं ताकि इसका ठोस उपाय मिल सके. इसी कड़ी में एक नई रिसर्च से यह पता चला है कि कोरोना से लंबे वक्त तक पीड़ित रहने वाले संक्रमितों के कारण कोरोना वायरस के और वैरिएंट्स घातक हो सकते हैं. पहले के कई रिसर्च से यह जानकारी मिली है कि जो लोग अन्य बीमारियों से संबंधित दवा के सेवन कर रहे थे, वो कोरोना से लंबे वक्त तक ग्रसित रहे. शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे लोगों की पहचान करना बहुत जरुरी है. इससे ने केवल कोरोना के इलाज करने में मदद मिलेगी. बल्कि उनके द्वारा ले जाने वाले SARS-CoV-2 वायरस की जीनोमिक निगरानी भी की जा सकती है.
अमेरिका के एमोरी यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान के प्रोफेसर डैनियल वीसमैन ने कहा, ” रिसर्च से यह पता चला है कि लाखों लोगों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बजाए जब कोई लंबे समय तक कोरोना से संक्रमित रहता है तो वह चिंता का विषय है. फ्रंटियर्स इन वायरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में वीसमैन ने कहा, “जब कोई वायरस खुद की नकल करता है, तो वह हमेशा सही कॉपी नहीं बनाता है.” विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि SARS-CoV-2 वैरिएंट चिंता का विषय है. क्योंकि कोरोना के इस वेरिएंट की चपेट में वह लोग भी आ सकते हैं, जिनका टीकाकरण हो चुका है या जो पहले से संक्रमित थे.
इस रिसर्च पेपर के पहले लेखक और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट के बाद के शोधकर्ता महान गफारी ने कहा, “एक महत्वपूर्ण मैसेज यह है कि इन व्यक्तियों को ढूंढना महत्वपूर्ण है जो काफी लंबे समय से से संक्रमित हैं क्योंकि कोरोना से ठीक होने में वह काफी सहायक होते हैं. उन्होंने कहा, “कई मामलों में कोरोना संक्रमित बिना किसी लक्षण के भी हो सकते हैं और उन्हें यह एहसास भी नहीं होता कि वे कोविड से संक्रमित हैं, हालांकि वे सक्रिय रूप से वायरस को बढ़ा रहे हैं.” विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक कोरोना वायरस के तीन प्रकारों को अल्फा, बीटा और गामा करार दिया. शोधकर्ताओं ने समस्या का अध्ययन करने के लिए एक यांत्रिक, सैद्धांतिक मॉडल बनाया है.
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Tags: Coronavirus, WHOFIRST PUBLISHED : August 25, 2022, 16:04 IST