रिटायरमेंट के बाद मचला दिल इंटरनेट पर मिली हुस्न की मलिका फिर हो गया कांड

Cyber Fraud News: हैदराबाद में एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हुस्न की मलिका के चक्कर में लाखों रुपए गंवा बैठा. हुस्न की मलिका की खोज में गूगल पर सर्च करते हुए उसे एक एस्कॉर्ट सर्विस वाली एजेंसी मिली. इसी के चक्कर में उसके 5 लाख रुपए लुट गए.

रिटायरमेंट के बाद मचला दिल इंटरनेट पर मिली हुस्न की मलिका फिर हो गया कांड
हैदराबाद: जवानी में दिल मचलना आम बात है. मगर एक शख्स का बुढ़ापे में दिल मचला है और इसकी भारी कीमत भी उसे चुकानी पड़ी है. दरअसल, रिटायरमेंट के बाद एक शख्स का दिल ऐसा मचला कि हुस्न की मलिका के चक्कर में उसे अच्छा-खासा चूना लग गया. यह शख्स केंद्र सरकार की नौकरी से हाल ही में रिटायर हुआ है. यह रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी डेटिंग फ्रॉड का शिकार हुआ है. गूगल पर उसे एस्कॉर्ट सर्विस सर्च करना महंगा पड़ गया. एस्कॉर्ट सर्विस वाली एजेंसी के चक्कर में फंसकर उस शख्स को 5 लाख रुपए की चपत लग गई. पीड़ित शख्स कॉम्पल्ली का रहने वाला है. टीओआई की खबर के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि पीड़ित शख्स ने जुलाई के पहले सप्ताह में एस्कॉर्ट सर्विस के लिए गूगल पर सर्च किया था. तभी गूगल सर्च के दौरान उसे ‘Deepusassy Service’ नाम की एक एजेंसी मिली. इस एजेंसी ने उसके व्हाट्सएप पर एस्कॉर्ट सर्विस के लिए लड़कियों की फोटो और लिस्ट दी थी. उसने जब व्हाट्सएप पर एजेंसी से बात की तो एजेंसी ने उसे 1500 रुपये का शुरुआती फीस जमा करने को कहा. उसने राकेश अहारी के नाम वाले अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए. एस्कॉर्ट सर्विस ने अच्छे से चूसा इसके बाद वह एस्कॉर्ट सर्विस फाइनल करने के लिए एजेंसी के लगातार संपर्क में था. हर दिन उसका इंतजार बढ़ता जा रहा था. जुलाई के आखिरी सप्ताह में एजेंसी ने सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर किशन लाल गमेती के नाम वाले अकाउंट में एडवांस के तौर पर कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा. सर्विस देने के नाम पर रिटायर्ड शख्स से एस्कॉर्ट एजेंसी ने सात किश्तों में पैसे जमा कराए. एजेंसी ने शख्स को भरोसा दिलाया कि जब सर्विस पूरी हो जाएगी तो उसके सारे पैसे वापस कर दिए जाएंगे हुस्न की मलिका के चक्कर में हुआ कांड हालांकि, हुस्न की मलिका से मिलने को बेताब शख्स यहां भी नहीं संभला. एजेंसी उससे पैसे ऐंठती रही और वह नादान उसे देता रहा. एजेंसी ने उससे सर्विस चार्ज के तौर पर पांच किश्तों में और पैसे जमा करवाए. यह भी रिफंडेबल फीस थी. एजेंसी पर भरोसा करके उसने फिर से पैसे ट्रांसफर कर दिए. एजेंसी उस शख्स की कमजोरी को समझ गई थी. एजेंसी उससे लगातार पैसे ऐंठती रही और उसका लालच बढ़ता गया. कुछ दिनों बाद फिर से शख्स को पैसे जमा करने को कहा और फिर से रिफंड का आश्वासन दिया. मगर अब जाकर शख्स को अक्ल आई और उसने तंग आकर कहा कि अब उसे सर्विस नहीं चाहिए. उसने अपने पैसे वापस मांगे. उसने कोई सर्विस नहीं ली थी. इसलिए पैसे वापस मांग रहा था, तो एजेंसी ने सर्विस कैंसिलेशन चार्ज देने को कहा. उसने पैसे देने से इनकार कर दिया. फिर एजेंसी ने क्या किया? अब एजेंसी को समझ आ गई कि शख्स को सारा खेल समझ आ गया. तुरंत एजेंसी ने उसे व्हाट्सएप पर ब्लॉक कर दिया. तब तक शख्स को एहसास हो गया कि उसके साथ बड़ा कांड हो चुका है. उसने तुरंत साइबराबाद साइबर क्राइम विंग में शिकायत दर्ज कराई है. शख्स की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच चल रही है. इस तरह से उस शख्स को रिटायरमेंट के बाद हुस्न की मलिका तो नहीं मिली, मगर 5 लाख रुपए का नुकसान जरूर हो गया. Tags: Crime News, Cyber Crime News, Cyber Fraud, HyderabadFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 13:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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