2019 में 1% वोट पाने वाली पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है कांग्रेसवजह जान लें
2019 में 1% वोट पाने वाली पार्टी के साथ गठबंधन कर सकती है कांग्रेसवजह जान लें
हरियाणा में कांग्रेस खुद को मजबूत मानकर चल रही है, इसके बावजूद वह 1 प्रतिशत से भी कम वोट पाने वाली आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने को बेताब दिख रही है. आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या है?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बातचीत शुरू हो गई है. दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं. लेकिन पेंच फंस रहा है कि आम आदमी पार्टी कम से कम 10 सीटें मांग रही है, जबकि कांग्रेस 5 से ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं है. फिर भी कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि वो आम आदमी पार्टी के साथ अलायंस के लिए पूरी तरह तैयार है. साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहती है. 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी 46 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसे 1% से भी कम वोट मिले थे. तो ऐसा क्या हुआ कि 1 प्रतिशत वोट पाने वाली पार्टी के साथ कांग्रेस गठबंधन को बेताब दिख रही है.
कांग्रेस इस बार चुनाव में अपने लिए कुछ ऐज देख रही है. इसलिए वो कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां 28% फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 36.50% से ज्यादा. दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी ने सबको चौंकाते हुए 14.84% वोट हासिल किए थे. लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि जेजेपी का वोट प्रतिशत घटकर 0.87 पर आ गया. इनेलो के वोट शेयर में भी अच्छी खासी गिरावट आई और इसका ज्यादातर हिस्सा कांग्रेस की ओर गया. जेजेपी और इनेलो को जाट और दलित बेस्ड पार्टी माना जाता है. इसलिए कांग्रेस अपने लिए विधानसभा चुनाव में आसान राह देख रही है. वह एक सीट भी खराब नहीं होने देना चाहती, लेकिन अलायंस की मजबूरी कहें या फिर आम आदमी पार्टी की हरियाणा में बढ़ती ताकत, कांग्रेस उसे अपने साथ रखना चाहती है.
सिर्फ आप नहीं, इन दलों को भी कांग्रेस देगी सीटें
कांग्रेस ने अब तक 90 में से 66 सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है. जो सीटें बची हुई हैं, वो सिर्फ इसलिए क्योंकि आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ उसकी बातचीत चल रही है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सीटों पर बातचीत के लिए कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया और राघव चड्ढा की मुलाकात भी हुई है. कांग्रेस फिलहाल आप को 5 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है. कांग्रेस सूत्र आप को 7 सीटें देने की खबरों को निराधार बता रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस एक सीट लेफ्ट को, एक सीट सपा को और एक सीट एनसीपी को देने पर विचार कर रही है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ये सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हरियाणा चुनाव से ऐसा संकेत जाए कि इंडिया अलायंस साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है.
अकेला राज्य जहां अब तक अलायंस नहीं
इस साल होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में हरियाणा इकलौता राज्य है, जहां विपक्षी दलों का कोई गठबंधन नहीं है. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के साथ अलायंस कर चुकी है. महाराष्ट्र में उसका नेशनल कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन हैं. तीनों पार्टियां सीट शेयरिंग पर बातचीत भी शुरू कर चुकी हैं. झारखंड में कांग्रेस का हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन है.
कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी ने क्या कहा?
हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, हमसे राहुल गांधी ने हरियाणा में अलायंस पर बातचीत करने का कहा है. ये पता लगाने को कहा है कि अलायंस हमारे लिए फायदेमंद है या नहीं. हम इस पर बातचीत कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में इसके बारे में बता दिया जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्य ईकाई आप या समाजवादी पार्टी के साथ अलायंस के पक्ष में है? कोई विरोध तो नहीं कर रहा. इस पर बाबरिया ने कहा, कोई भी विरोध नहीं कर रहा है. सारे निर्णय सर्वसम्मति से लिए जा रहे हैं. उधर, हरियाणा की पेंडिंग सीटों पर उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस की सब कमेटी की बैठक गुरुवार को सुबह 11 बजे दिल्ली में होगी. मधुसूदन मिस्त्री, टी एस सिंह देव, अजय माकन सहित अन्य नेताओं के साथ हरियाणा कांग्रेस के नेताओं हुडा, रणदीप और कुमारी शैलजा की अलग अलग बैठक भी इस कमेटी के साथ होगी. दो दर्जन सीटों से ज्यादा पर आपसी खींचतान की वजह से केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवार तय नहीं हो पाए थे.
आम आदमी पार्टी की क्या तैयारी?
बता दें कि कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि कांग्रेस हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उधर, आप भी सभी सीटों पर कैंडिडेट खड़ा करने की तैयारी कर रही है. पैनल बनाकर नाम तय किए जा रहे हैं. आप के हरियाणा प्रमुख सुशील गुप्ता ने कहा कि सेंट्रल लीडरशिप ने अब तक अलायंस पर हमसे कुछ नहीं पूछा है. हम सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रहे हैं. आखिरी फैसला आलाकमान को ही लेना है.
Tags: Arvind kejriwal, Congress, Delhi AAP, Haryana election 2024, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 18:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed