बेंगलुरु के आसमान पर दिखा दुर्लभ नजारा साइंटिस्ट ने बताई हकीकत तो चौंके सभी

Comet Over Bengaluru: बेंगलुरु के आसमान में इस वक्त सबेरे एक धूमकेतु दिखाई देता है. इस धूमकेतु को 12 अक्टूबर के बाद शाम को भी देखा जा सकता है. तब इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है.

बेंगलुरु के आसमान पर दिखा दुर्लभ नजारा साइंटिस्ट ने बताई हकीकत तो चौंके सभी
बेंगलुरु. पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु के आकाश में एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखी जा रही है. एक धूमकेतु बेंगलुरु शहर में सबेरे के शुरुआती घंटों में दिखाई दे रहा है. बेंगलुरु शहर के आकाश में जिस धूमकेतु को देखा गया है, वह धूमकेतु C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) है. 9 जनवरी, 2023 को चीन के पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी के जरिये इसे खोजा गया था. इसे एक महीने बाद दक्षिण अफ्रीका में एस्टेरॉइड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) से देखा गया था. जिससे इसका नामकरण हुआ. इसे देखकर शहर के लोग में अचरज के साथ खुशी का भाव है. इसकी तस्वीरें भी लोग कैमरे में कैद करके शेयर कर रहे हैं. ‘हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक धूमकेतु C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) एक नॉन-पीरियाडिक धूमकेतु है. बेंगलुरु स्थित खगोल भौतिकविद् आर.सी. कपूर के मुताबिक जिसका अर्थ है कि वे हमारे सौर मंडल के बाहरी सदस्य हैं. प्रोफेसर कपूर ने कहा कि यह धूमकेतु 27/28 सितंबर की मध्यरात्रि को सूर्य से 5.6 करोड़ किमी. की दूरी से गुजरा. उन्होंने कहा कि यह अक्टूबर के पहले कुछ दिनों में सुबह के समय दिखता रहेगा. बेंगलुरु के आकाश में धूमकेतु की तस्वीरें भी शौकिया फोटोग्राफरों और खगोल विज्ञान उत्साही लोगों ने कैद की हैं. खगोल विज्ञान के शौकीन और उसमें काफी रुचि रखने वाले दीपक चौधरी ने शनिवार सुबह 5 से 5.30 बजे के बीच धूमकेतु की तस्वीरें कैद की थीं. चौधरी ने कहा कि 28 सितंबर की सुबह, मैं आकाश के साफ होने की जांच करने के लिए लगभग 4.30 बजे उठा और मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब मैंने उसे बिल्कुल साफ पाया. अपने DSLR कैमरा और एक 20 साल पुराना लेंस को ट्राइपॉड पर माउंट करने के बाद, मैंने आकाश की तस्वीरें कैद करना शुरू कर दिया. बारूद के ढेर पर बैठी है दुनिया, तीसरा वर्ल्ड वॉर दे रहा दस्तक, बस एक चिंगारी… दीपक चौधरी ने कहा कि अपने पहली कोशिश धूमकेतु C/2023 A3 को अपनी स्क्रीन पर देखकर बहुत खुश हुए. उन्होंने कहा कि ‘यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, क्योंकि यह पहली बार हो सकता है जब किसी ने भारत से उत्तरी गोलार्ध में धूमकेतु को इतने करीब से कैद किया हो.’ यह धूमकेतु अक्टूबर के पहले कुछ दिनों में सुबह का पिंड बना रहेगा. प्रोफेसर कपूर ने कहा कि बहरहाल 12 अक्टूबर से इसे सूर्यास्त के तुरंत बाद पश्चिमी आकाश में देखना संभव होगा. यह तब पृथ्वी से अपने निकटतम बिंदु पर गुजर रहा होगा, जब इसे बिना किसी दूरबीन की सहायता के नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है. Tags: Asteroid Day, Bengaluru City, Bengaluru NewsFIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 22:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed