हिंदू नाम इंडियन पासपोर्ट देश में 6 सालों से क्या कर रहे थे 4 पाकिस्तानी
हिंदू नाम इंडियन पासपोर्ट देश में 6 सालों से क्या कर रहे थे 4 पाकिस्तानी
Pakistani Arrest in Bengaluru: सभी चार पाकिस्तानी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है वो यहां इतने लंबे समय से क्यों हैं और क्या कर रहे हैं.
बेंगलुरु. राशिद अली सिद्दीकी, आयशा, हनीफ मोहम्मद और रुबीना पाकिस्तान से भारत आते हैं और फिर खुद को हिंदू बताने लगते हैं. कुछ समय बाद इन चारों ने फर्जी पहचान बताकर ना सिर्फ भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया, बल्कि धर्म प्रचार का काम भी करने लगे थे. अब जिगनी पुलिस ने सोमवार को एक ऑपरेशन में सभी को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि ये पिछले 6 सालों से कथित तौर पर फर्जी पहचान के साथ बेंगलुरु के बाहरी इलाके में रह रहे थे. यह गिरफ्तारी एनआईए द्वारा असम उल्फा आईईडी मामले में एक फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के ठीक बाद हुई है, जो सुरक्षा गार्ड के रूप में जिगनी में छिपा हुआ था.
एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए चार लोगों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. चारों पाकिस्तान के कराची और लाहौर के रहने वाले हैं. अधिकारी ने कहा, “चारों पाकिस्तानी नागरिकों ने फर्जी पहचान बताकर भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया था और यहां धर्म प्रचार में शामिल हो गए थे. सभी आरोपियों ने खुद को हिंदू बताया था.” पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पाकिस्तान के कराची निवासी राशिद अली सिद्दीकी उर्फ शंकर शर्मा, पाकिस्तान के लाहौर निवासी आयशा उर्फ आशा रानी, लाहौर निवासी हनीफ मोहम्मद उर्फ रामबाबू शर्मा और लाहौर निवासी रुबीना उर्फ रानी शर्मा के रूप में हुई है.
बेंगलुरु पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां कोर्ट ने उन्हें 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश शुरू कर दी है. पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों ने जिगनी थाने का दौरा किया और आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. साथ ही उन पर पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12(1)(बी), 12,1ए (बी), 12(2) के तहत भी मामला दर्ज किया है.
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर को बेंगलुरु के जिगनी पुलिस को राजापुरा गांव में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया. इससे पहले चेन्नई पुलिस ने उनके दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया था. आरोपी राशिद अली सिद्दीकी उर्फ शंकर शर्मा और उसके परिवार के सदस्य घर खाली कर रहे थे.
पुलिस पूछताछ के दौरान राशिद ने दावा किया कि वह नई दिल्ली का रहने वाला है और पिछले छह साल से यहां रह रहा है. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि सभी आरोपियों के पास हिंदू नाम से पासपोर्ट भी हैं. हालांकि, पुलिस को घर की दीवार पर ‘मेहंदी फाउंडेशन इंटरनेशनल- जश्न-ए-यूनुस’ लिखा मिला है. इसके अलावा पुलिस को उनके घर से एक मुस्लिम धार्मिक नेता की तस्वीर भी मिली है. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे पाकिस्तान से हैं और चेन्नई में गिरफ्तार किए गए लोग उनके रिश्तेदार हैं.
आरोपी राशिद अली सिद्दीकी ने बताया कि वह कराची के पास लियाकताबाद का रहने वाला है, और अपनी पत्नी तथा उसके माता-पिता के साथ हिंदू बनकर रह रहा है. राशिद ने यह भी बताया कि वह साल 2011 में आयशा से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मिला था और शादी के समय उसका परिवार बांग्लादेश में रहता था. उसने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तान में धार्मिक नेताओं से पीड़ित होने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ बांग्लादेश रहने के लिए चला गया था. आरोपी को अपने खर्च के लिए मेहदी फाउंडेशन से पैसे मिलते थे। फाउंडेशन के सदस्य भारत सहित पूरी दुनिया से ताल्लुक रखते है.
Tags: Karnataka, Pakistani NationalFIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 22:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed