राहुल गांधी फिर खेल रहे वही कार्ड जिससे यूपी में BJP की हो गई थी दुर्गति
राहुल गांधी फिर खेल रहे वही कार्ड जिससे यूपी में BJP की हो गई थी दुर्गति
महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी फिर वही कार्ड खेल रहे हैं, जिसकी बदौलत उन्होंने यूपी और महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. आखिर क्या है ये पूरा खेल और क्या होगा फायदा...
राहुल गांधी बुधवार को महाराष्ट्र के चुनावी रण में थे. जनसभा के दौरान वैसे तो उन्होंने कई बातें कहीं, लेकिन संविधान और जातिगत जनगणना का मुद्दा उन्होंने फिर जोरशोर से उठाया. ये वही मुद्दा था, जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दुर्गती हो गई थी. अब राहुल गांधी फिर वही कार्ड महाराष्ट्र में खेल रहे हैं. कुछ दिनों पहले जब राहुल गांधी झारखंड में थे, तब भी यही मुद्दा उठाया था. हर बार वो यही कार्ड खेल रहे हैं. आइए समझते कि इसका गणित क्या है?
जगह भी बेहद खास
सबसे पहले वक्त और जगह के बारे में जानिए. राहुल गांधी नागपुर में थे, ये वही जगह है, जहां आरएसएस का दफ्तर है. यह कार्यक्रम नागपुर के रेशमबाग इलाके में सुरेश भट्ट हॉल में आयोजित किया गया, जो आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के स्मारक डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर से सटा हुआ है. इसी जगह पर उन्होंने ‘संविधान बचाओ सम्मेलन’ किया.
वजह भी जान लीजिए
आपको याद होगा कि कुछ साल पहले बिहार चुनाव के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर एक बयान दिया, जिसके बाद बीजेपी को काफी नुकसान हुआ. अब उसी नागपुर से और हेडगेवार के स्मारक से चंद दूरी पर राहुल गांधी ने कहा, संघ छुपकर संविधान पर हमला करेगा. सीधे सामने से वार करने की हिम्मत नहीं करता. क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वे सामने से हमला करेंगे तो 5 मिनट में हार जाएंगे. यह हमला कई मायने में संघ को चुनौती की तरह है.
संविधान और जाति जनगणना की बात
राहुल गांधी ने कहा, संविधान समानता, एक व्यक्ति-एक वोट, सभी के लिए और हर धर्म, जाति, राज्य तथा भाषा के लिए सम्मान की बात करता है. संविधान में सावित्रीबाई फुले, और महात्मा गांधी की आवाज है. मगर बीजेपी और संघ संविधान पर हमला कर रहे हैं. उनका हमला देश की आवाज पर हमला है. उन्होंने जातिगत जनगणना की भी बात की. कहा- जाति जनगणना हुई तो पता चलेगा कि दलितों, ओबीसी और आदिवासियों के साथ किस तरह का अन्याय हो रहा है. हर किसी को पता चल जाएगा कि उनके पास कितनी ताकत है और उनकी भूमिका क्या है. उन्होंने ये भी कहा, हम 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा की दीवार भी तोड़ देंगे.
मायने समझिए महाराष्ट्र में दलितों की आबादी लगभग 12% है. वहीं ओबीसी लगभग 38 फीसदी. आदिवासी 9 फीसदी हैं तो मराठा लगभग 28 फीसदी. संविधान और आरक्षण की बात कहकर राहुल गांधी इन वर्गों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला था, जब महाराष्ट्र में दलित और ओबीसी बंट गए थे और बड़ा हिस्सा महाविकास अघाड़ी के पास चला गया था. इसकी वजह से उन्हें बड़ी जीत मिली थी. लेकिन इस बार बीजेपी खेल बदलने की कोशिश में है.
ठीक इसी तरह झारखंड में राहुल गांधी आदिवासियों, दलितों और ओबीसी को आरक्षण की कहानी समझाते नजर आए थे. वे भी जानते हैं कि अगर ये दोनों वर्ग उनके साथ आ गया तो चुनावी जीत की राह आसान हो जाएगी. यूपी में बीजेपी के एक कैंडिडेट ने आरक्षण को लेकर ऐसी बात कह दी थी कि राहुल गांधी उसे ही पूरे चुनाव दोहराते रहे. नतीजा बीजेपी की सीटें काफी घट गई थीं. अब राहुल गांधी महाराष्ट्र और झारखंड में भी वही खेल खेलना चाहते हैं.
Tags: Jharkhand election 2024, Maharashtra election 2024, Rahul gandhi latest newsFIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 23:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed