रायबरेली और अमेठी में वोट प्रतिशत बढ़ना किसके लिए फायदे का सौदा किसका नुकसान!

रायबरेली और अमेठी में वोट प्रतिशत बढ़ना किसके लिए फायदे का सौदा किसका नुकसान!
Lok Sabha elections 2024 phase 5: उत्तर प्रदेश की वीआईपी सीट कही जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को वोट डाले गए. गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह और बीएसपी ने ठाकुर प्रसाद यादव को खड़ा किया. कुल 8 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन हैं, इसलिए राहुल गांधी सीधा-सीधा मुकाबला बीएसपी और बीजेपी से है. वहीं यूपी की अमेठी भी किसी समय में गांधी परिवार का गढ़ हुआ करती थी. यहां शाम साढ़े 5 बजे तक 52.68 फीसदी मतदान हुआ है. पिछले चुनाव में यहां 54.08 फीसदी वोट पड़े थे. अमेठी से संजय गांधी, राजीव गांधी, सतीश शर्मा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सासंद रहे हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार के इस गढ़ को धराशाई करके जीत हासिल की थी. रायबरेली लोकसभा सीट पर कुल 21 लाख, 45 हजार, 820 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 11.20 लाख और महिला वोटरों की संख्या 10.25 लाख है. शाम साढ़े 5 बजे तक यहां 56.26 प्रतिशत मतदान हो चुका था. अभी इसके और बढ़ने की संभावना है. 2019 में भी यहां कुल 56.34 फीसदी वोट पड़े थे. हमारे रायबरेली संवाददादा मोहनकृष्ण के अनुसार, बीजेपी और कांग्रेस, मतदान के आंकड़ों को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं का दावा है कि हमारा बूथ सबसे मजबूत का जो नारा था, वो धरातल पर उतरा और पन्ना प्रमुख और बूथ प्रभारी बड़ी संख्या में मतदाताओं को वोट देने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे. बीजेपी नेताओं की मानें तो ये वोटिंग बीजेपी के पक्ष में जाती है. जबकि, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पिछली बार पुलवामा जैसी घटना को लेकर कुछ मतदाता भ्रम की स्थिति में थे, लेकिन इस बार किसी भी तरह के भ्रम की स्थिति ना होने के कारण मतदाता अधिक संख्या में निकले और राहुल गांधी का समर्थन किया. उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर हुए मतदान का प्रतिशत भी साढे 5 बजे तक 55.85 प्रतिशत दर्ज किया गया है. इसमें कुछ प्रतिशत तक का और इजाफा हो सकता है. रायबरेली में मतदान प्रतिशत रायबरेली लोकसभा सीट पर हुए चुनावों के मतदान प्रतिशत की बात करें तो 2019 के चुनाव में यहां कुल 56.34 प्रतिशत मतदान यानी 959,022 वोट पड़े थे. सोनिया गांधी कुल मतदान का 55.80 फीसदी 5,34,918 वोटों के साथ विजयी हुई थीं. उनके सामने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को 38.36 फीसदी 3,67,740 वोट मिले थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर 51.73 फीसदी यानी 8,25,142 लोगों ने अपने वोट का इस्तेमाल किया था. कांग्रेस की सोनिया गांधी को कुल वोटिंग का 63.80 फीसदी (5,26,434 वोट) वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अजय अग्रवाल आए थे. उन्हें 21.05 फीसदी 1.73 लाख वोट मिले थे. इस चुनाव में सोनिया गांधी ने रिकॉर्ड 3,52,713 वोटों से जीत हासिल की थी. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को महज 7.71 फीसदी 63,633 वोट मिले थे. आम आदमी पार्टी की अर्चना श्रीवास्तव को महज 1.16 फीसदी 10,383 वोटों पर संतुष्ट होना पड़ा था. 2009 और 2004 के चुनाव में यहां महज 48 फीसदी मतदान हुआ था. और कांग्रेस प्रत्याशी सोनिया गांधी को क्रमशः 72.23 प्रतिशत (4,81,490) तथा 58.75 प्रतिशत (3,78,107) वोट मिले थे. बीजेपी के समर्थन में आए सपा विधायक रायबरेली सीट पर चुनाव के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं हुईं. एक घटना में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के समर्थन में समाजवादी पार्टी के बागी विधायक मनोज पांडे भी आ गए. रायबरेली लोकसभा सीट की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. गांधी परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली गांधी परिवार की पुरानी सीट रही है. यह सीट 1952 में अस्तित्व में आई थी. 1952 और 1957 के चुनाव में यहां से फिरोज गांधी चुने गए. 1960 में कांग्रेस टिकट पर ही आरपी सिंह और 1962 के उपचुनाव में बैजनाथ कुरील जीते थे. 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में देश की एकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां से सांसद चुनी गईं. आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट कांग्रेस के हाथ से छूटकर जनता पार्टी के राज नारायण के पास आ गई. 1980 में देश में एकबार फिर इंदिरा लहर आई और वे यहां से चुनाव जीत गईं. 1980 में हुए उपचुनाव और 1984 के आम चुनाव में अरुण नेहरू रायबरेली सीट से सांसद चुने गए. 1989 और 1991 के चुनाव में इंदिरा गांधी की मामी शीला कौल को यहां से जीत मिली. 1996 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट से कांग्रेस की पकड़ ढीली पड़ गई और बीजेपी के अशोक सिंह सांसद बने. 1998 में भी यह सीट बीजेपी के पास रही. 1999 में रायबरेली में फिर से कांग्रेस के पंजे ने अपनी पकड़ मजबूत की और सतीश शर्मा सांसद चुने गए. 2004 से 2019 तक हुए पांच लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी ने यहां से लगातार जीत हासिल की. सोनियां गांधी ने इस बार रायबरेली को छोड़कर जयपुर से राज्यसभा जाना पसंद किया. सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में उनके बेटे राहुल गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा है. हालांकि, राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा है. Tags: Amethi news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Rae Bareli News, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 19:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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