ज्ञानवापी केस पर अगले हफ्ते आ सकता है फैसला जानें वर्शिप एक्ट को लेकर मंदिर पक्ष ने क्या दी दलील

Gyanvapi Masjid Case: शुक्रवार को बहस खत्म करते हुए मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पर 'प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' लागू नहीं होता. क्योंकि 1991 में ये कानून बना है और 1992 के बाद तक ज्ञानवापी में पूजा हो रही थी. 15 अगस्त 1947 को क्या स्थिति है, वो तो एविडेंस के बाद ही पता चलेगी. हम कह रहे हैं, वहां मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा.

ज्ञानवापी केस पर अगले हफ्ते आ सकता है फैसला जानें वर्शिप एक्ट को लेकर मंदिर पक्ष ने क्या दी दलील
वाराणसी. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर को लेकर जिला जल की अदालत में चल रही सुनवाई में अगले हफ्ते फैसला आ सकता है. यानि की अगले हफ्ते ये तय हो जाएगा कि ये मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं. क्योंकि मस्जिद पक्ष ने ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ समेत कई बिंदुओं को उठाते हुए अदालत मे याचिका दी थी कि ये मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है. शुक्रवार को चार वादी महिलाओं की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने बहस पूरी कर दी. अब इस मामले में सोमवार यानी 18 जुलाई की तारीख मुकर्रर हुई है. 18 जुलाई को वादिनी राखी सिंह के वकील अपनी बहस करेंगे. बता दें कि राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने ये याचिका डाली थी. बाद में वैचारिक मतभेद के कारण राखी सिंह ने अलग राह चुन ली. उनके पैरोकार जितेंद्र सिंह विशेन ने इसमे अलग वकील नियुक्त किए. दूसरी ओर बाकी चार महिलाएं एकजुट रहीं और उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णुशंकर जैन, सुभाषनंदन चतुर्वेदी आदि वकील ने मुकदमे में बहस की. ऐसे में 18 जुलाई को राखी सिंह के अधिवक्ता की बहस शुरू होगी. माना जा रहा है कि उसके बाद अदालत एक बार मस्जिद पक्ष को प्रतिउत्तर दाखिल करने का मौका देगी और फिर फैसला रिजर्व हो जाएगा. अब अगला हफ्ता इस मुकदमे में बेहद अहम माना जा रहा है.  15 अगस्त 1947 को क्या स्थिति है, वो तो एविडेंस के बाद ही पता चलेगा शुक्रवार को बहस खत्म करते हुए मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पर ”प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991” लागू नहीं होता. क्योंकि 1991 में ये कानून बना है और 1992 के बाद तक ज्ञानवापी में पूजा हो रही थी. 15 अगस्त 1947 को क्या स्थिति है, वो तो एविडेंस के बाद ही पता चलेगी. हम कह रहे हैं, वहां मंदिर था, मंदिर है और मंदिर रहेगा. हिंदू लॉ के मुताबिक, वन्स ए टेंपल, ऑलवेज ए टेंपल… हिंदू लॉ के मुताबिक, वन्स ए टेंपल, ऑलवेज ए टेंपल. एक बार जो मंदिर होता है, एक बार मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई, फिर वो मंदिर ही रहता है, जब तक की उसका विसर्जन न हो. उसका गुंबद बदलने, नमाज पढ़ने से उसका कैरेक्टर नहीं बदलता है. मस्जिद पक्ष वक्फ नंबर 100 बता रहा है लेकिन न ही कोई गजट नोटिफिकेशन दिखा पा रहा है और न ही दस्तावेज दे पाया है कि वक्फ किसने किया. मिनिस्टरी ऑफ मॉइनारिटी अफेयर्स की वेबसाइट पर भी रजिस्टर्ड नहीं है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Gyanvapi Masjid, Gyanvapi Masjid Controversy, Kashi Vishwanath Case, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 15, 2022, 20:25 IST