शानदार पहल: जरूरतमंद मुसाफिरों की मदद के लिए सामने आई CISF हैदराबाद एयरपोर्ट से हुई ‘स्वर्णिम सेवा’ की शुरूआत
शानदार पहल: जरूरतमंद मुसाफिरों की मदद के लिए सामने आई CISF हैदराबाद एयरपोर्ट से हुई ‘स्वर्णिम सेवा’ की शुरूआत
RGIA: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से स्वर्णिम सेवा योजना की शुरूआत की है. इस सेवा के जरिए सीआईएसएफ खास मुसाफिरों को कुछ खास तरह की सहूलियतें एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराई जाएंगी. इन सहूलियतों का लाभ किसे मिलेगा, जानने के लिए पढ़िए आगे ...
नई दिल्ली. हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने मुसाफिरों की सहूलियत के लिए बेहद खास योजना की शुरूआत की है. इस योजना के तहत, सीआईएसएफ के जवान जरूरतमंद मुसाफिरों की मदद के लिए एयरपोर्ट टर्मिनल गेट से लेकर विमान में प्रवेश करने तक हाजिर रहेंगे.
यहां सबसे खास बात यह है कि मदद हासिल करने के लिए जरूरतमंद मुसाफिरों को सीआईएसएफ हेल्पडेस्क खोजने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सुरक्षा बल के जवान खुद मुसाफिरों की जरूरत को पहचान कर उनके पास मदद के इरादे से पहुंचेगे. मुसाफिरों की मदद के मकसद से शुरू की गई इस योजना को सीआईएसएफ ने ‘स्वर्णिम सेवा’ योजना का नाम दिया है.
क्या है स्वर्णिम योजना और कैसे मिलेगी मदद?
स्वर्णिम योजना के तहत सीआईएसएफ की एक विशेष टीम को एयरपोर्ट के डिपार्चर टर्मिनल पर तैनात किया गया है. इस टीम के जवान डिपार्चर टर्मिनल के इर्द-गिर्द मौजूद रहते हैं. इन जवानों की निगाहें जरूरतमंद मुसाफिरों पर होगी है. ये जवान स्वत: जरूरतमंद मुसाफिरों के पास पहुंचते हैं और अपनी पहचान बताकर मदद की पेशकश उनके सामने रखते हैं.
जरूरतमंद मुसाफिर की स्वीकृति मिलते ही सीआईएसएफ के जवान मुसाफिरों की मदद टर्मिनल डिपार्चर गेट पर दस्तावेजों की जांच करवाकर बिना किसी बाधा के प्रवेश कराने में मदद करते हैं. इसके अलावा, बोर्डिंग पास दिलाने, बैगेज चेक-इन कराने, प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक और विमान के बोर्डिंग गेट तक पहुंचाने तक जरूरतमंद मुसाफिरों की मदद की जाती है.
सीआईएसएफ के नजर में कौन है जरूरतमंद
जरूरतमंद मुसाफिरों से सीआईएसएफ का यहां मतलब ऐसे मुसाफिरों से है, जो वयोवृद्ध हैं और अकेले यात्रा कर रहे हैं. इसके अलावा, छोटे बच्चों के साथ अकेले सफर कर रही महिलाओं को भी स्वर्णिम सेवा योजना का लाभ दिया जा रहा है. हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचने वाले हृवीलचेयर पैसेंजर, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग मुसाफिरों की मदद भी इस योजना के तहत की जा रही है.
सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई मुसाफिर ऐसे भी हैं, जो पहली बार हवाई यात्रा कर रहे हैं, उन्हें एयरपोर्ट की प्रक्रियों के बारे में जानकारी नही होती है. ऐसे मुसाफिरों को सही प्रक्रिया की जानकारी मुहैया कराकर सही दिशा पर रवाना करने की जिम्मेदारी भी स्वर्णिम सेवा योजना के तहत तैनात सीआईएसएफ के जवानों को दी गई है.
डीआईजी एमके सिंह ने रची योजना की रूपरेखा
स्वर्णिम योजना की रूपरेखा तैयार करने का श्रेय हैदराबाद एयरपोर्ट के पूर्व उपमहानिरीक्षक एमके सिंह को जाता है. दरअसल, हैदराबाद एयरपोर्ट पर तैनाती के दौरान उनकी निगाह ऐसे बच्चों पर पड़ी जो पहली बार अकेले हवाई यात्रा पर जा रहे माता-पिता को लेकर फिम्रमंद थे. इसी तरह, एयरपोर्ट की प्रक्रियाओं को लेकर बुजुर्ग मुसाफिरों भी असमंजस की स्थिति में रहते थे.
कई बार देखा गया कि बच्चों के साथ एक अकेली महिला भारी भरकम सामान के साथ परेशान हो रही है. गर्भवती महिलाएं एयरपोर्ट के भीतर और अंदर लंबी कतारों में लगी हुई हैं. इस तरह की तमाम परिस्थितियों को देखने के बाद उन्होंने स्वर्णिम सेवा की रूपरेखा रची और आज इस सेवा को सीआईएसएफ के जवान हैदराबाद एयरपोर्ट पर बखूबी अंजाम दे रहे हैं.
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Tags: Airport Diaries, Airport Security, CISFFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 14:49 IST