आजम खान कौन सी बिसात बिछा रहे किसकी मिल रही शह जो अखिलेश को ही घेरा

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने समाजवादी पार्टी को मुस्लिम हितों के लिए आवाज बुलंद करने की नसीहत दी है. उन्होंने अपने तरीके से संभल और रामपुर को जोड़ा है. ये भी खास बात है कि आजम ने ये चिट्ठी दलित सांसद चंद्रशेखर से जेल में मुलाकात के बाद जारी की है.

आजम खान कौन सी बिसात बिछा रहे किसकी मिल रही शह जो अखिलेश को ही घेरा
आजम खान तल्ख बयानबाजी के लिए मशहूर रहे हैं. इस बार उन्होंने इंडिया गठबंधन को ललकारा है. कहा है कि संभल की तरह ही गठबंधन को रामपुर का मसला भी उठाना चाहिए. आवाज उन्होंने इंडिया गठबंधन को दी है लेकिन निशाने पर अपनी ही पार्टी और पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को रखा है. आजम खान ने एसपी के जिलाध्यक्ष अजय सागर के लेटरहेड पर जेल से अपना संदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि समाजवादी पार्टी को रामपुर में बर्बादी के मसले को उतनी ही ताकत से उठाना चाहिए जितने जोर से वो संभल का मसला उठा रही है. एसपी को लिखने के बाद इंडिया को पुकारा अगले पैरे में उन्होंने समाजवादी पार्टी की जगह इंडिया गठबंधन को संबोधित किया है, लेकिन ये खयाल रखने वाली बात है कि इंडिया गठबंधन में भी समाजवादी पार्टी एक प्रमुख दल है. इस लिहाज से कहा जा सकता है कि कानूनी शिकंजे में फंस कर अपनी सांसदी गंवाने वालेआजम खान ने समाजवादी पार्टी पर ही सवाल उठाया है. आजम खान को समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा मुस्लिम चेहरा माना जाता रहा है. प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से उनके बुरे दिन शुरु हुए थे.समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान उन्होंने रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय बनवाना शुरु किया था और उसके लिए तमाम जमीन कथित भ्रष्टाचार के जरिए हासिल की थी.इसके अलावा उन्होंने अपने पारिवारिक रेस्टोरेंट वैगरह भी शुरु किए थे. अवैध कब्जा बता कर सरकार ने तकरीबन सारी जमीने जब्त कर लिया. साथ ही तमाम दूसरे केस भी उन पर ठोके गए. अभी भी वे जेल में ही हैं. इस पूरे प्रकरण में समाजवादी पार्टी आजम खान के पक्ष में बहुत मुखर नहीं दिखी. छिटफुट बयानबाजी हुई लेकिन जमनी स्तर पर कोई बड़ा आंदोलन नहीं दिखा. वजह जो भी रही हो,लेकिन आजम खान अपने परिवार और थोड़े से समर्थकों के साथ मुकदमा लड़ते दिखे. अपने तरीके से संभल और रामपुर को जोड़ा संभल में मस्जिद सर्वे विवाद से उपजी हिंसा अभी ठीक से थमी भी नहीं, तभी आजम खान ने इसे रामपुर से भी जोड़ने की कोशिश की. उन्होंने जेल से अपना संदेश रामपुर के समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष के हाथों जारी कराया. उन्होंने ये भी कहा है कि संभल में जो कुछ किया गया उसकी टेस्टिंग रामपुर में की गई थी. भले ही बहुतों के गले न उतरे लेकिन अपनी यूनिवर्सिटी की जमीन वापस लेने को उन्होंने रामपुर की बर्बादी करार दिया है. यहां ये भी जिक्र करना माकूल होगा कि अगर कोई व्यक्ति विश्वविद्यालय जैसा कोई ऑटोनॉमस संस्थान बनाता है तो वो आजीवन उसका मुखिया (यूनिवर्सिटी के मामले में चांसलर, ट्रस्ट वगैरह होने पर ट्र्स्टी) रहने के नियम भी बना सकता है. ये भी पढ़ें : ये कैसी भाषा हुई… RJD नेताओं को हुआ क्या है? MLA बोला- मैडम दुपट्टा नहीं ओढ़तीं, लालू कह रहे नीतीश आंख सेंकने जा रहे खैर, रामपुर का मसला तो कानूनी सुनवाई और अपीलों के तहत है. कई मसलों पर अदालतें अभी भी विचार कर रही हैं. लेकिन जिस तरह की तल्ख भाषा का इस्तेमाल आजम खान ने किया है, उसे एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के लिए चेतावनी से कम नहीं कहा जा सकता. चिट्ठी लिखने का वक्त भी काबिले गौर है. आजम खान ने दलित नेता और सांसद चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात करने के बाद ये चिट्ठी लिखी है. इसका मायने ये भी लगाया जा रहा है कि अगर अखिलेश यादव ने उनके कहे मुताबिक रामपुर का मसला नहीं उठाया तो चंद्रशेखर का साथ तो कम से कम आजम खान को मिल ही सकता है. Tags: Akhilesh yadav, Azam KhanFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 17:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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