मेडिकल डिवाइस पार्क में प्लाट के लिए 22 जुलाई को होगा ड्रा जानें प्लान
मेडिकल डिवाइस पार्क में प्लाट के लिए 22 जुलाई को होगा ड्रा जानें प्लान
यूपी (UP) में नोएडा (Noida) के साथ ही मध्य प्रदेश, हिमाचल और तमिलनाडु में भी केन्द्र सरकार की ओर से मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है. देश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park) तेलंगाना में काम कर रहा है. मेडिकल डिवाइस पार्क में भी फ्लैटेड फैक्ट्री कॉन्सेप्ट लागू किया जाएगा. यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) को पार्क का नॉलेज पार्टनर बनाया है.
नोएडा. मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park) का इंतजार अब खत्म होने को है. 22 जुलाई को पार्क में प्लाट के लिए ड्रा निकाला जाएगा. पहले फेज में 136 प्लाट के लिए ड्रा निकाला जा रहा है. 136 प्लाट के लिए 176 कंपनियों आवेदन किया है. यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) के सेक्टर-28 में यह पार्क विकसित किया जा रहा है. नॉर्थ इंडिया का यह पहला मेडिकल डिवाइस पार्क होगा. केन्द्र सरकार भी इसके लिए 100 करोड़ रुपये दे रही है. इस पार्क में सीटी और एमआरआई (MRI) जैसी बड़ी मशीनें भी बनेंगी. यूपी विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election) की वजह से पार्क का काम रुक गया था.
350 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क
यमुना अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो मेडिकल डिवाइस पार्क कुल 350 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा. इसमे कुल 200 प्लॉट होंगे. पहले फेज में 110 हेक्टेयर जमीन पर 136 प्लॉट का आवंटन किया जाएगा. योजना के तहत पहले फेज में 1000 वर्गमीटर, 2000 और 4000 वर्गमीटर के प्लॉट आवंटित किए जाएंगे. जबकि दूसरे फेज में कुल 115 प्लॉट आवंटित करने की योजना है.
फ्लैटेड फैक्ट्री कॉन्सेप्ट पर भी होगी मेडिकल पार्क में काम
जानकारों की मानें तो फ्लैटेड फैक्ट्री कॉन्सेप्ट (एफएफसी) से ऐसे कारोबारी भी कारोबार शुरु कर सकते हैं जिनके पास कम पूंजी है. ज़मीन खरीदने और फैक्ट्री बनवाने से लेकर उसका स्ट्राक्चर तक तैयार कराने लायक लागत नहीं है. ऐसे में फ्लैटेड फैक्ट्री कॅन्सेप्ट बहुत ही काम आता है. इसके तहत अपने काम के हिसाब से फैक्ट्री में पहले से तैयार फ्लोर किराए पर लेकर काम शुरु किया जा सकता है.
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हेल्थ सेक्टर को मजबूत करना चाहती है सरकार
कोरोना महामारी में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने और चीन पर निभर्रता कम करने के लिए कवायद तेज हो गई है. इसको लेकर मेडिकल उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल उपकरणों का निर्माण करने के लिए मेडिटेक पार्क की डीपीआर कलाम ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी (केआईएचटी) हैदराबाद बना रहा है.
इस मेडिटेक पार्क में करीब 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है. भारत में अभी 20 प्रतिशत मेडिकल उपकरण बनाए जाते हैं. बाकी 80 प्रतिशत आयात किए जाते हैं. इस निभर्रता को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने यह पहल की है. यहां पर मेडिकल उपकरण बनने से कीमतों में भी कमी आने की उम्मीद है.
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Tags: Medical Devices, Noida news, Yamuna AuthorityFIRST PUBLISHED : July 15, 2022, 09:13 IST