मेरठ मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग का बुरा हाल मरीजों के साथ छात्र भी भटकने को मजबूर जानें क्‍यों

Lala Lajpat Rai Memorial Medical College:मेरठ मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट में 4 साल से स्थायी प्रोफेसर तैनात नहीं है, जिसका खामियाजा न सिर्फ मरीजों को बल्कि पढ़ाई कर रहे मेडिकल के छात्रों को भी भुगतना पड़ रहा है. हालांकि प्रिंसिपल डॉ आरसी गुप्ता के माध्यम से शासन को फैकल्टी नियुक्ति के लिए पत्र भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई एक्‍शन नहीं हुआ है.

मेरठ मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग का बुरा हाल मरीजों के साथ छात्र भी भटकने को मजबूर जानें क्‍यों
रिपोर्ट: विशाल भटनागर मेरठ. मेडिकल कॉलेज प्रशासन भले ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने का लाख दावा करे, लेकिन चिकित्सक विशेषज्ञ की कमी से एक ओर जहां स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं तो वहीं दूसरी ओर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को भी समस्या झेलनी पड़ती है. इसकी बानगी मेरठ मेडिकल कॉलेज (Lala Lajpat Rai Memorial Medical College) में देखने को मिली. मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट में 4 साल से स्थायी प्रोफेसर तैनात नहीं है, जिसका खामियाजा मरीजों के साथ पढ़ाई कर रहे मेडिकल के छात्रों को भी भुगतना पड़ता है. रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट की बात करें को पिछले 4 साल से स्थायी फैकल्टी ही नहीं है. वर्ष 2018 में डॉक्टर यास्मीन का मेरठ मेडिकल से सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर हो गया था. उसके बाद कुछ समय तक अटैचमेंट के साथ उन्होंने मेडिकल कॉलेज का भी कार्यभार संभाला, लेकिन अब सहारनपुर का ही चार्ज है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के सामने सबसे बड़ी परेशानी यही है कि उनको पढ़ाई कौन कराएगा. एक्‍सरे टेक्निशियन डिप्लोमा करने वाले छात्रों ने भी न्यूज़ 18 लोकल की टीम से बातचीत करते हुए बताया कि वह मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए आए थे, लेकिन यहां भविष्य संवारने से ज्यादा अधर में लटकता हुआ दिखाई दे रहा है. जब कक्षाओं का संचालन ही नहीं होगा तो परीक्षा कैसे पास करेंगे. प्रिंसिपल लिख चुके हैं शासन को लेटर छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्या को लेकर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से क्लासेस शुरू किए जाने की मांग रखी थी. जूडा के अध्यक्ष डॉ अंकित ने बताया कि प्रिंसिपल डॉ आरसी गुप्ता के माध्यम से शासन को फैकल्टी नियुक्ति के लिए पत्र भेजा गया है. सीनियर रेजिडेंट स्टूडेंट्स करा रहे छात्रों को पढ़ाई हालांकि सीनियर रेजिडेंट द्वारा जूनियर छात्र-छात्राओं की काफी मदद की जा रही है. किताबी ज्ञान के साथ-साथ वे छात्रों को प्रैक्टिकल भी करा रहे हैं, लेकिन यह अस्थायी समाधान है. जब तक कोई स्थायी रूप से प्रोफेसर नियुक्त नहीं होगा, तब तक रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं को इसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Meerut Health Department, Meerut newsFIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 13:09 IST