पड़ताल: बिजली विभाग के अधिकारी सरकार को दे रहे करोड़ों का झटका! हेल्पलाइन नंबर का बुरा हाल
पड़ताल: बिजली विभाग के अधिकारी सरकार को दे रहे करोड़ों का झटका! हेल्पलाइन नंबर का बुरा हाल
Ghaziabad News: गाजियाबाद के निवासियों की शिकायतों को विद्युत निगम लगातार नजरअंदाज कर रहा है. वहीं, News18 Local की पड़ताल में सामने आया है कि कर्मचारी विद्युत निगम को करोड़ों रुपये का झटका दे रहे हैं. जानें कैसे?
रिपोर्ट- विशाल झा
गाजियाबाद. ‘आप जिस व्यक्ति को कॉल कर रहे हैं वह उत्तर नहीं दे रहे हैं कृपया कुछ समय बाद प्रयास कीजिए’ जब भी आप विद्युत निगम को शिकायत के लिए फोन करेंगे तो आपको यही कुछ पंक्तियां सुनाई देंगी. दरसअल up24x7news.com Local को गाजियाबाद के निवासियों की तरफ से लगातार विद्युत निगम की लापरवाही पर शिकायतें मिल रही थी. इसके बाद न्यूज़ 18 लोकल की टीम गाजियाबाद विद्युत निगम की पड़ताल की.
दरअसल आपातकालीन समय में शिकायत के लिए विद्युत निगम की ओर से दिए गए नंबर पर up24x7news.com Local की टीम ने 5 बार कॉल किया गया, लेकिन सामने से एक बार भी रिस्पांस नहीं मिला. सोचिए पहले से परेशान शिकायतकर्ता मदद की आस में जब फोन करता होगा और उसके हाथ भी निराशा लगती होगी. इसके बाद हम एक शिकायतकर्ता के तौर पर विद्युत निगम के दफ्तर गए और वहां के हालात जानने की कोशिश की.
ऑफिस से गायब मिले मुख्य अभियंता!
up24x7news.com Local की टीम जब एक शिकायतकर्ता बनकर विद्युत निगम के दफ्तर पहुंची तो पता चला कि मुख्य अभियंता मुकेश अपने ऑफिस में नहीं थे. कर्मचारियों से पूछने पर पता लगा कि वह लंबी छुट्टियों पर चल रहे हैं और आज उनकी छुट्टी का तीसरा दिन है.
अवैध कनेक्शन को बनाया कमाई का जरिया
वैसे तो प्राधिकरण अवैध बिल्डिंगों के निर्माण के लिए सख्त है. यही कारण है कि हाल में ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में 321 अवैध कॉलोनियों चिन्हित की गई थीं, लेकिन इन कॉलोनियों में रहने वालों के लिए अवैध तरीके से विजली मुहैया कराकर बिल्डर बिजली के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं. वहीं, इस खेल से विद्युत निगम अनजान बनकर बैठा हुआ है. गाजियाबाद के बम्हेटा में स्प्रिंग व्यू फ्लोर और एबोनी ग्रीन 700 परिवार रहते हैं, जो एक दशक से अवैध बिजली कनेक्शन के साथ रहने के लिए मजबूर हैं. एबोनी ग्रीन्स में ऐसे 300 परिवार हैं, जिन्हें अभी तक अस्थाई बिजली कनेक्शन नहीं मिला है. निवासियों द्वारा बिजली विभाग के मुख्य अभियंता से मुलाकात की गई और बिल्डर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जबकि बिजली चोरी के कारण विभाग को हो रहे नुकसान की बात करें तो हर महीने करीब 40 करोड़ की चपत लग रही है.
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Tags: Electricity Bills, Electricity Department, Electricity problem, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : September 10, 2022, 14:42 IST