अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा में आज उठेंगे लाखों कदम जानिए क्या है धार्मिक मान्यता

रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि एक नवंबर को रात्रि 12.48 बजे पर अक्षय तृतीया के मौके पर 14 कोस की परिक्रमा शुरू होगी. अगले दिन रात्रि 10.33 बजे यह परिक्रमा समाप्त होगी. 14 लोक होते हैं. जीवात्मा 14 लोक में भ्रमण करने के बाद मानव लोक में आती है. अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा करने वालों को 14 लोक में जाने की आवश्यकता नहीं रहती

अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा में आज उठेंगे लाखों कदम जानिए क्या है धार्मिक मान्यता
सर्वेश श्रीवास्तव  अयोध्या. भगवान राम की नगरी अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा आज यानी मंगलवार रात्रि 12.48 बजे से शुरू होगी. इसका समापन अगले दिन रात्रि 10:33 बजे होगा. अक्षय तृतीया के मौके पर राम की नगरी के सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा की जाती है. राम नगरी में तीन परिक्रमा होती है. सबसे बड़ी परिक्रमा चौरासी कोस की होती है जो चैत्र पूर्णिमा से होती है. वहीं, दूसरी परिक्रमा 14 कोस की परिक्रमा होती है जो कार्तिक माह में होता है. तीसरी परिक्रमा पंचकोशी परिक्रमा होती है जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होती है. 14 कोसी परिक्रमा में दूर-दराज से श्रद्धालु, संत-महंत समेत आस-पास के जिलों के लोग बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंचते हैं और अपने आराध्य की नगरी की परिक्रमा करते हैं. इसका धार्मिक महत्व यह है कि 14 कोस परिक्रमा करने से जीवात्मा को शांति मिलती है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है. बीते दिनों परिक्रमा पथ को लेकर जिला प्रशासन ने स्थलीय निरीक्षण किया. जिसमें कार्यदायी संस्था को परिक्रमा पथ की व्यवस्थाएं सुचारू करने के निर्देश दिए थे. वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और विद्युत विभाग के कर्मचारियों को संपूर्ण मेला क्षेत्र की व्यवस्थाएं, श्रद्धालुओं की सुविधा युक्त करने का निर्देश दिया गया है. 25 से 30 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे अयोध्या अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. मंदिर निर्माण के साथ यहां श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में पारंपरिक मेलों में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार 25 से 30 लाख श्रद्धालु राम की नगरी में परिक्रमा करने पहुंचेंगे जिसको देखते हुए प्रशासन परिक्रमा संबंधित व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने में जुटा है. संपूर्ण मेला क्षेत्र को सेक्टर और जोन में बांट कर सेक्टर मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. 14 लोकों में जाने की जरूरत नहीं  रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि एक नवंबर को रात्रि 12.48 बजे पर अक्षय तृतीया के मौके पर 14 कोस की परिक्रमा शुरू होगी. अगले दिन रात्रि 10.33 बजे यह परिक्रमा समाप्त होगी. 14 लोक होते हैं. जीवात्मा 14 लोक में भ्रमण करने के बाद मानव लोक में आती है. अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा करने वालों को 14 लोक में जाने की आवश्यकता नहीं रहती. उन्होंने कहा कि जनमत मरण असह दुख होय अर्थात जन्म लेने और मृत्यु में बहुत कष्ट होता है. 14 कोस की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. अयोध्या की परिक्रमा करने से संसार में मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और मोछ मिलता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Panchkosi Parikrama, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : November 01, 2022, 14:58 IST