सतलुज-यमुना लिंक पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पंजाब सरकार खुद आगे आकर सुलझाए विवाद

Sutlej Yamuna link or SYL Case: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि लिंक नहर का निर्माण करना ही होगा, उसमें कितना पानी आएगा ये बाद में तय किया जाएगा. कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को कानून व्यवस्था बनाए रखने के आदेश दिए. कोर्ट ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक को लेकर यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश बरकरार रहेंगे.

सतलुज-यमुना लिंक पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पंजाब सरकार खुद आगे आकर सुलझाए विवाद
हाइलाइट्ससतलुज-यमुना लिंक पर मीटिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल की जाए.SYL मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 19 जनवरी 2023 को होगी.कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को कानून व्यवस्था बनाए रखने के दिए आदेश. नई दिल्ली. पंजाब और हरियाणा के बीच करीब 20 साल से सतलुज यमुना लिंक (Sutlej Yamuna link or SYL) विवाद चल रहा है. SYL नहर विवाद मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. अटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा जल शक्ति मंत्रालय इस विवाद को सुलझाने के प्रयास कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार (Punjab Government) पर आरोप लगाया है. केंद्र ने कहा है कि पंजाब सरकार सतलुज-यमुना लिंक विवाद सुलझाने में सहयोग नहीं कर रही है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को कहा कि इस मुद्दे पर एक महीने के भीतर पंजाब और हरियाणा से मीटिंग करें, जिसमें मुद्दे के हल पर विचार करें. इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में सौंपे. मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी 2023 को होगी. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा हमारी तरफ से पंजाब के नए मुख्यमंत्री को मीटिंग के लिए अप्रैल में पत्र भेजा गया था, लेकिन उनके तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि वो खुद आगे आकर समस्या का समाधान निकाले. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री समेत जल शक्ति मंत्रालय इस महीने के अंत में मीटिंग करे और निष्कर्ष तक पहुंचे. कोर्ट ने दिया 4 हफ्ते का वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा सतलुज-यमुना लिंक पर मीटिंग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल की जाए. हम चार हफ्ते का समय देते हैं इसके बाद इस मामले की रिपोर्ट दाखिल की जाए. मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें आशा है इस विवाद का हल सरकारें मध्यस्थता करके सुलझा लेगी. EWS: दस प्रतिशत आरक्षण संबंधी मामले पर 13 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई लिंक नहर का निर्माण करना ही होगा कोर्ट ने साफ किया था कि लिंक नहर का निर्माण करना ही होगा, उसमें कितना पानी आएगा ये बाद में तय किया जाएगा. कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को कानून व्यवस्था बनाए रखने के आदेश दिए. कोर्ट ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक को लेकर यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश बरकरार रहेंगे. राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दोनों राज्यों पर है. पंजाब और हरियाणा दोनों सुनिश्चित करेंगे कि लिंक नहर को लेकर कानून व्यवस्था ना बिगड़े. ऐसे बढ़ा SYL नहर का विवाद पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी. केंद्र में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई वाली सरकार थी. जिन्होंने यह नहर बना पानी बांटने का फैसला किया. 1982 में विवाद तब बढ़ा, जब पटियाला के कपूरी में SYL नहर बनाने का उद्घाटन कर दिया गया. Karnataka hijab row: सुनवाई के वक्त Supreme Court ने पूछा बड़ा सवाल | Sanjay Hegde | Hindi News 1985 में राजीव लौंगोवाल समझौता हुआ. उसमें भी ट्रिब्यूनल बना, लेकिन मामला हल नहीं हुआ. जब नहर का निर्माण शुरू हुआ, तो तब इसके इंजीनियर्स का कत्ल कर दिया गया. जिसके बाद इसका काम रोक दिया गया. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Punjab and haryana, Supreme Court, Sutlej Yamuna linkFIRST PUBLISHED : September 06, 2022, 16:42 IST