सुल्तानपुर की ये 850 साल पुरानी मस्जिद आज भी इतिहास के पन्नों में है दर्ज

सुल्तानपुर की जिनाती मस्जिद एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो लगभग 850 साल पुरानी है. ये मस्जिद ब्रिटिश उत्पीड़न की गवाह रही है. मस्जिद की दीवारों पर आज भी अंग्रेजों द्वारा किए गए हमले के निशान मौजूद हैं. इसके पास स्थित खंडहर में तब्दील इमामबाड़ा और प्राचीन कुएं इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को और भी गहराई से दर्शाते हैं. इस मस्जिद को इस्लाम धर्म में उच्च दर्जा प्राप्त है. इस मस्जिद को सुल्तानपुर की पहचान के रूप में देखा जाता है.

सुल्तानपुर की ये 850 साल पुरानी मस्जिद आज भी इतिहास के पन्नों में है दर्ज
पीलीभीत. पीलीभीत में सियार के आतंक के बाद अब बाघ के ग्रामीण पर हमले की खबर सामने आ रही है. खेत की रखवाली कर रहे ग्रामीण का शव खेत से तकरीबन 300 मीटर अंदर जंगल में अधखाई अवस्था में मिला है. बाघ के हमले की जानकारी मिलते ही मौके पर ग्रामीणों ने पीलीभीत-माधोटांडा मार्ग जाम कर दिया. लगभग 3 घंटों की समझाइश के बाद बाघ को पकड़ने का आश्वासन देने के बाद जाम को खुलवाया जा सका. जहां एक तरफ प्रदेश सरकार सूबे में बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित कर रही है. तो वहीं दूसरी ओर बहराइच समेत इन दिनों प्रदेश भर के अलग-अलग ज़िलों में वन्यजीवों के हमलों की घटनाएं बदस्तूर जारी है. बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही सियार के हमले की घटनाओं के अब बाघ ने एक किसान को अपना निवाला बना लिया है. कहां हुई घटना ? मृतक के परिजनों के अनुसार पूरा मामला माधोटांडा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले ढकिया गांव का है. जहां निकट के गांव बांसखेड़ा निवासी 50 वर्षीय किसान केदारी लाल जंगल से सटे अपने खेत की रखवाली कर रहे थे. इसी दौरान एकाएक जंगल से निकला बाघ उन पर हमलावर हो गया और वे गर्दन में दबाकर जंगल के तक़रीबन 300 मीटर अंदर तक घसीटकर ले गया. हमला इतना दर्दनाक था कि किसान की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं किसान के शव का कुछ हिस्सा भी बाघ ने खा लिया. घटना के बाद जब आस पास के लोगों ने केदारी लाल की तलाश की तो उन्हें जंगल में अधखाया शव मिला. वन विभाग पर लापरवाही का आरोप आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब इस इलाके में बाघों की चहलकदमी देखी जा रही हो. माधोटांडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मथना जब्ती समेत तमाम इलाके ऐसे हैं जहां आए दिन मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं होती हैं. बीते तकरीबन एक सप्ताह से इलाके में बाघ देखा जा रहा था. ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे मामले में वन विभाग की ओर से लापरवाही बरती गई. नतीजतन एक किसान बाघ का निवाला बन गया. वन विभाग की इस लापरवाही से ग़ुस्साए ग्रामीणों ने तकरीबन 3 घंटे तक जाम लगाए रखा. वन विभाग की तमाम समझाइश के बाद कहीं जाकर जाम खुल सका. जंगल के 1500 मीटर अंदर मिली चारपाई पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि माला रेंज से सटे क्षेत्र में वन्यजीव के हमले की जानकारी मिलने पर टीम को भेजकर मामले की जांच कराई गई. जांच में सामने आया कि विभाग की टीम के मना करने के बावजूद भी ग्रामीण बाघ की मौजूदगी वाली वन सीमा के आसपास घूमता नज़र आ रहा था. वहीं जंगल के अंदर आराम के लिए लगाई गई चारपाई भी मिली है. घटना जंगल में तकरीबन 150 मीटर अंदर की है. फिलहाल इलाके में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 19:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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