यूपी के इस शहर में था सांपों का वास नाग के राजा का तक्षक से सीधा था कनेक्शन

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को क्रांति धरा एवं महाभारत कालीन धरती के नाम से जाना जाता है. यहां पर विभिन्न ऐसे ऐतिहासिक तथ्य देखने को मिलेंगे, जो क्रांति और महाभारत कालीन यादों को ताजा करते हैं. लेकिन, आज हम आपको नागों के ऐसे रहस्य के बारे में बताएंगे, जिसका सीधा ताल्लुक मेरठ के किला परीक्षितगढ़ से जुड़ा हुआ है. जहां कभी नागों के राजा तक्षक ने भी कदम रखा था.

यूपी के इस शहर में था सांपों का वास नाग के राजा का तक्षक से सीधा था कनेक्शन
मुजफ्फरनगर : कांवड़ यात्रा के दौरान होटल, ढाबों, टी स्टाल, दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की मांग उठाने वाले मुज़फ्फरनगर जनपद के बघरा ब्लॉक स्थित योग साधना आश्रम के महंत स्वामी यशवीर महाराज एक बार फिर अपनी अनोखी अपील को लेकर चर्चाओं में हैं. भले ही नेम प्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद जहां विशेष समुदाय के छोटे-बड़े बहुत से दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों से नेम प्लेट हटाकर एक बार फिर से पहले की तरह अपना कारोबार शुरू कर दिया है, वहीं स्वामी यशवीर महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मंगलवार दोपहर से एक ओर अनोखे अभियान की शुरुआत की है. उन्होंने सभी सनातनी व्यापारियों से अपील की है कि सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर ॐ लिखा भगवा झंडा और भगवान विष्णु के अवतार भगवान वराह की मूर्ति लगाएं. यशवीर महाराज ने इस अभियान को शुरु करते हुए मुजफ्फरनगर के सभी कांवड़ मार्गों पर स्थित होटल, ढाबों और फल-जूस की ठेली लगाने वाले हिन्दू दुकानदारों के पास जाकर उन्हें भगवान वारह की तस्वीर भेंट करते हुए इस अभियान को तेज करने की बात कही. इस दौरान स्वामी यशवीर महाराज ने जहां मीडिया से बात करते हुए कहा है कि देखिए सुप्रीम कोर्ट का जो नेम प्लेट के ऊपर अंतरिम आदेश आया है, वह तो आ गया, लेकिन हमारा जो हिंदू समाज है वो इसके लिए बाध्य नहीं है. मेरा सभी सनातन धर्म के मानने वालों से कहना है कि जहां भी आपका होटल, ढाबा, चाय की दुकान, मिठाई की दुकान, जूस की दुकान, फलों की दुकान या खाद्य पदार्थ की कोई भी दुकान है उस पर अपना और अपने पिता का मोटे अक्षरों में नाम लिखो और अपने आधार कार्ड की टू कॉपी लगाओ. साथ ही उस पर भगवे रंग में ओम का ध्वज लगाओ. वहीं भगवान वारह का चित्र लगाओ. जिस होटल पर जिस दुकान पर जहां खाने का सामान मिलता है, वहां पर भगवान वराह का चित्र है तो आप वहीं भोजन करें या कुछ भी खाएं, क्योंकि भगवान वराह का जहां पर चित्र है वहां पर भोजन में थूकने का, मूत्र करने का या गोमांस डालने का ऐसा घृणित कार्य नहीं होगा. उनका कहना है कि जहां पर भगवान वराह की मूर्ति या चित्र है, वहां आपको शुद्ध भोजन मिलेगा, इसलिए भोजन करने से पूर्व यह सब देख लें और भगवान वराह की मूर्ति जहां हो निश्चित होकर के अपना शाकाहारी सात्विक भोजन करें. उन्‍होंने आगे कहा कि देखिए मैं कांवड़ियों से यही कहना चाहता हूं कि श्रावण मास चल रहा है और यह यह भक्ति का मास होता है. इस मास में बहुत भक्ति की जाती है. साथ ही खान-पान का भी ध्यान रखा जाता है या यह कहिए कि अभक्ष्य पदार्थ कोई का नहीं सकता है, बल्कि जो तामसिक आहार होता है, लहसुन प्याज उसका भी सेवन नहीं किया जाता है तो सभी कांवड़ लाने वाले भक्तों से मेरा यह निवेदन है कि आपकी जो कांवड़ लाते समय भक्ति होती है उसे भक्ति में कोई बाधा ना आए. इसलिए जहां भी आप लोग भोजन करें या फल खाएं, जूस या चाय पीएं वहां पर यह देख लें कि मोटे अक्षरों में नाम है एवं ओम का ध्वज लगा हुआ है. आधार कार्ड की कॉपी के साथ-साथ भगवान वराह की मूर्ति है और जहां पर भगवान वराह की मूर्ति होगी. बिल्कुल आंख बंद करके भोजन कर लें. वहां सात्विक भोजन मिलेगा एवं न भोजन में लहसुन प्याज होगा और ना उन गैंग के द्वारा जो थूकने वाले-मूतने वाले गैंग है या गोमांस मिलाने वाले गैंग हैं, उनसे आप बच जाओगे और सात्विक भोजन वही मिलेगा. Tags: Kanwar yatra, Muzaffarnagar newsFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 13:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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