काशी में विकराल रूप में गंगा महाश्मशान घाट समेत 84 घाट जलमग्न

डोमराजा परिवार से जुड़े विक्रम चौधरी ने बताया कि बाढ़ के कारण जब गलियों में शवदाह होता है, तो पूरे हिन्दू वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं हो पाता है.

काशी में विकराल रूप में गंगा महाश्मशान घाट समेत 84 घाट जलमग्न
अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी : यूपी के वाराणसी में गंगा का विकराल रूप देखने को मिल रहा है. बाढ़ के सैलाब ने जिंदगी को अस्त व्यस्त कर दिया है.गंगा कभी उतार तो कभी उफान पर है. जिसके कारण घाट किनारे रहने वालों की चिंता बनी हुई है. फिलहाल गंगा के जलस्तर में धीमी रफ्तार से घटाव जारी है, लेकिन उसके बाद भी काशी में गंगा के विकराल रूप के कारण मोक्ष की परम्पराएं टूट रही हैं. काशी के महाश्मशान घाट समेत सभी 84 घाट लगभग जलमग्न हैं. महाश्मशान घाट जलमग्न होने के कारण हरिश्चंद्र घाट की गलियों में शवदाह हो रहा है. बीते 10 दिनों से यही हालात है. गलियों में शवदाह के कारण मोक्ष से जुड़ी परम्पराओं का निर्वहन भी उनके परिजन नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि गलियों में जगह कम है जिसके कारण चिताएं बिल्कुल पास पास लगाई जा रही है. ऐसे में अग्नि देने से पहले परिजन चिता की परिक्रमा सहित अन्य रीति रिवाज के बिना ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं. हिन्दू रीति रिवाज का नहीं हो पा रहा पालन इसके अलावा भी महाश्मशान घाट पर कई तरह की मुश्किलों का सामना डोमराजा परिवार समेत अन्य लोगों को झेलना पड़ रहा है. डोमराजा परिवार से जुड़े विक्रम चौधरी ने बताया कि बाढ़ के कारण जब गलियों में शवदाह होता है, तो पूरे हिन्दू वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं हो पाता है. नहीं है लाइट की व्यवस्था इसके अलावा इस समय गलियों में लाइट की व्यवस्था भी नहीं है. जिसके कारण शाम के समय शवदाह में काफी मुश्किलें हो रही है. वहीं शव यत्रियो को भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.पहले की अपेक्षा अभी हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए दो से तीन घंटे का इंतजार लोग कर रहे हैं.मणिकर्णिका घाट का भी ऐसा ही हाल है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 12:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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