गंदे नाले में हो रही थी सफाई खन-खन की आवाज से सहमे लोग दिल्‍ली तक मची खलबली

Siddharthnagar News : भगवान बुद्ध की जन्मस्थली और महान कपिल मुनि की तपोस्थली कपिलवस्तु नगर पंचायत में सफाई के दौरान हड़कंप मच गया. सफाई कर्मचारियों ने बताया कि बारिश से पहले नालों की सफाई हो रही थी और तभी वहां दो सिक्‍के मिले. चांदी के इन सिक्‍कों को मुगलकालीन माना जा रहा है. इन सिक्कों को शोध के लिए दिल्ली भेज दिया जाएगा.

गंदे नाले में हो रही थी सफाई खन-खन की आवाज से सहमे लोग दिल्‍ली तक मची खलबली
सिद्धार्थ नगर. कपिलवस्तु नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में सफाई करने के दौरान मुगलकालीन चांदी के दो सिक्के मिले हैं. दोनों सिक्कों पर फारसी में औरंगजेब आलमगीर व मुल्तान के साथ-साथ 1073 भी लिखा हुआ मिला है. इतिहास के जानकारों के मुताबिक अगर इन सिक्कों पर शोध की जाए तो काफी कुछ ऐतिहासिक जानकारी मिल सकती है. साथ ही इतिहास से जुड़ी कुछ घटनाओं का खुलासा कपिलवस्तु के इन इलाकों में भी हो सकता है. इससे पहले भी 6 जुलाई 2023 को मोहाना थाना क्षेत्र के गड़गार गांव के बरगदवा टोला में खुदाई के दौरान सिक्कों से भरा एक घड़ा भी बरामद हुआ था. शनिवार को सुबह में कपिलवस्तु नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में सफाई के दौरान सफाई कर्मियों को दो चांदी के सिक्के मिले थे जिसकी सूचना उन्होंने सफाई नायक निहाल अहमद को दी. इसके बाद उन्होंने वहां पहुंचते ही दोनों सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सूचना मिलने के बाद उन्होंने यह सिक्के को जिला कोषागार में भेज दिया है और उसके बाद इन सिक्कों को शोध के लिए दिल्ली भेज दिया जाएगा. सफाई नायक ने बताया कि दोनों सिक्कों पर फारसी में 1073 लिखा था इसके अलावा उन सिक्कों पर एक तरफ मुल्तान व दूसरी तरफ औरंगजेब आलमगीर लिखा हुआ था. औरंगजेब के जमाने के सिक्‍के होने की उम्‍मीद  सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर यशवंत यादव का कहना है कि यह सिक्के औरंगजेब कार्यकाल के हो सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अवध में मुगलों का शासन रहा है और उस समय यह क्षेत्र भी अवध शासन के अधीन था. ऐसे में ऐसा संभव है कि यह सिक्के उसे समय यहां चलते रहे हो‌. यहां पर एक शोध की आवश्यकता है जिससे मुगलकालीन शासन के बारे में काफी कुछ जानकारी मिल सकती है. भगवान बुद्ध की जन्‍मस्‍थली और कपिल मुनि की तपोभूमि सिद्धार्थ नगर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के निकट कपिलवस्तु एक ऐसा नगर पंचायत है जहां पर भगवान बुद्ध की जन्मस्थली होने के साथ-साथ यह कपिल मुनि की तपोस्थली भी थी. इतना ही नहीं यहां पर मुगलों का शासन भी काफी दिनों तक चला था. ऐसे में अगर इन स्थानों पर शोध किया जाए तो भगवान बुद्ध व मुगलों के इतिहास से जुड़ी काफी कुछ जानकारी इस स्थान से मिल सकती है. भगवान बुद्ध और उस समय के इतिहास से जुड़ी मिलतीं है जानकारियां भारत नेपाल सीमा के आखिरी नगर पंचायत कपिलवस्तु के कुछ गांव ऐसे भी है जहां पर शोध किया जाए तो काफी कुछ अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं. अलीगढ़वा, गांवरिया, बरगदवा और अन्य स्थानों पर भगवान बुद्ध और उस समय के इतिहास से जुड़ी काफी कुछ जानकारियां समय-समय पर मिलती रहती है लेकिन खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन करने के कारण जिले के इस जगह के इतिहास से जुड़ी काफी कुछ जानकारियां नष्ट हो चुकी है. कपिलवस्‍तु को दुनिया के सामने लाने की मांग इसके बारे में प्रशासन को भी पता है और ऐतिहासिक धरोहरों की देखभाल करने वाली एजेंसियों को भी. लेकिन इस बारे में अभी तक ना तो कोई ठोस कदम उठाए जा सका है और ना ही विश्व पटल पर सिद्धार्थ नगर जिले के इतिहास के बारे में कोई प्रामाणिक तत्व सामने रखे गए हैं जिसका फायदा पड़ोसी देश नेपाल हमेशा से उठाता रहा है. जिसकी वजह से बौद्ध देश नेपाल के लुंबिनी तथा भारत के कुशीनगर, श्रावस्ती में होते हुए बोधगया बिहार तक चले जाते हैं लेकिन जिले में भगवान बुद्ध के जन्म स्थान और राजा शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु में नहीं आते हैं. निश्चित रूप से भारत सरकार एवं जिला प्रशासन को इस बारे में ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है जिस जिले के इतिहास के बारे में स्थानीय लोगों के साथ-साथ विश्व के सभी लोगों को पता चल सके. Tags: Gautam Buddha, Historical monument, Siddharthnagar News, Uttar pradesh news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 16, 2024, 17:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed