मेरठ साउथ स्टेशन से 30 मिनट में साहिबाबाद पहुंचाएगी नमो भारत ट्रेन
मेरठ साउथ स्टेशन से 30 मिनट में साहिबाबाद पहुंचाएगी नमो भारत ट्रेन
Namo Bharat Train: मेरठ में नमो भारत ट्रेन का संचालन मोदीपुरम से आगे मेरठ साउथ स्टेशन तक शुरू होगा. यहां स्टेशन पर ट्रेन रुकने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस ट्रेन से यात्री मात्र 30 मिनट में मेरठ से साहिबाबाद का सफर कर सकते हैं.
हाइलाइट्स निर्माण में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं है- मिश्रा मंदिर में मंडप के दाएं और बाएं तरफ का पोर्शन खुला हुआ है. नागर शैली में मंदिर सभी तरफ से बंद नहीं किया जाता है.
अयोध्या : राम मंदिर में रामलला के गर्भगृह में पानी निकासी की समस्या और मंदिर परिसर में छत से पानी टपकने की खबरों के बीच राम मंदिर की भवन निर्माण समिति को सामने आना पड़ा है. समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने इस सभी तथ्यों पर से पर्दा हटाया. उनकी ओर से कहा गया है कि मैंने खुद निरीक्षण किया है और कहीं भी कोई प्रॉब्लम नहीं है. हालांकि उन्होंने विस्तारपूर्वक बताया कि आखिर पहली बरसात में ही छत से मंदिर परिसर के अंदर पानी क्यों आने लगा और गर्भगृह में क्या वाकई जल निकासी की समस्या है?
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा है कि मंदिर परिसर में पानी लीकेज की नहीं है. कोई भी समस्या नहीं है, मैंने स्वयं निरीक्षण किया था. निर्माणाधीन मंडप की छत दूसरी मंजिल पर जाकर पूरी होगी. द्वितीय तल पर गुण मंडप की छत पड़ने के बाद ही बारिश का पानी मंदिर में प्रवेश करने से रूक सकेगा.
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए गुड मंडप की छत पर अस्थाई निर्माण करके पानी और धूप से बचाव को लेकर उपाय किए गए हैं. उन्होंने कहा है कि ये सब भ्रम लोगों ने पैदा किया है. उनके अनुसार, बिजली की अंडरग्राउंड वायरिंग में अभी तार डालना बाकी है, जिसके लिए पाइप खुला हुआ है और उसी पाइप के जरिये नीचे सीवेज में पानी आया है. निर्माण में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं है. राम मंदिर में उच्चतम स्तर का निर्माण कार्य हो रहा है.
गर्भगृह में जल निकासी की समस्या को लेकर भी नृपेन्द्र मिश्रा ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गर्भगृह में भगवान के स्नान और श्रृंगार का ही जल होता है. साधु संतों की राय पर भगवान के स्नान और श्रृंगार के जल को एक कुंड में एकत्रित किया जाता है. श्रद्धालुओं को स्नान का जल उनकी मांग के अनुरूप उपलब्ध कराया जाता है. पानी के निकासी के लिए सभी मंडप में परनाले बनाए गए हैं.
उनके अनुसार, मंदिर के फर्श को इस तरीके से बनाया गया है, ताकि पानी अपने आप बाहर निकल सके. वह कहते हैं कि नागर शैली में मंदिर सभी तरफ से बंद नहीं किया जाता है. मंदिर में मंडप के दाएं और बाएं तरफ का पोर्शन खुला हुआ है. संभव है कि तेज बारिश से मंडप में छींटा आ जाए. निर्माण के कारण पानी आने की मंदिर परिसर में कोई भी संभावना नहीं है.
Tags: Ayodhya ram mandir, Ram MandirFIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 12:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed