सिंधिया-तोमर के मुरैना ग्वालियर में बीजेपी को हराकर कांग्रेस के हौंसले बुलंद 2023 अब दूर नहीं
सिंधिया-तोमर के मुरैना ग्वालियर में बीजेपी को हराकर कांग्रेस के हौंसले बुलंद 2023 अब दूर नहीं
MP Nagriya Nikay Chunav : ग्वालियर चंबल में मुरैना क्षेत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाला है. वो वहां से सांसद हैं. लेकिन यहां पर कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया है. भिंड के चुनाव नतीजों में भी बीजेपी के मंत्रियों पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भारी साबित हुए हैं. गोहद, मेहगांव और गोरमी कांग्रेस के खाते में गई हैं. शिवपुरी में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है. लेकिन राज्य मंत्री सुरेश राठखेड़ा के क्षेत्र में कांग्रेस ने सेंध लगा दी है. वहां नगर पालिका में भाजपा और कांग्रेस 8-8 वार्ड में जीती है. मतलब साफ है नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस में एक बार फिर नई जान फूंक दी है. लेकिन गुटबाजी उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती है. अगर कांग्रेस के सभी क्षत्रप इसी तरह एकजुट रहे तो 2023 में सत्ता की बाजी वो जीत सकती है.
भोपाल. मध्य प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे नयी इबारत लिख गए हैं. 2018 में जीत कर भी सत्ता गवां बैठी कांग्रेस में निकाय चुनाव नतीजों ने नयी ऊर्जा भर दी है. दो हैविवेट केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर के होते हुए भी उन्हीं के इलाकों मुरैना और ग्वालियर बीजेपी के हाथ से खिसक कर कांग्रेस के पास चले गए. कांग्रेस इसे 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत मान रही है.
2018 में ग्वालियर चंबल संभाग में जीत ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनायी थी. लेकिन डेढ़ साल बाद ही सिंधिया के दलबदल ने कांग्रेस की सरकार गिरा भी दी थी. लेकिन कल आए नतीजों ने कांग्रेस में आशा का एक नया संचार कर दिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने पर ग्वालियर चंबल में पार्टी की ताकत दोगुनी मानी जा रही थी. लेकिन नगरीय निकाय चुनाव में वहां बीजेपी को जिस तरह झटका लगा है और ग्वालियर मुरैना में बीजेपी से कांग्रेस ने महापौर की कुर्सी छीनी है उसके बाद बीजेपी सकते में और कांग्रेस उम्मीद से भर गयी है.
ग्वालियर-मुरैना बड़ी जीत
2018 में सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने वाले ग्वालियर चंबल में अब इन दो बड़े नगर निगम पर कब्जे को कांग्रेस अपनी सबसे बड़ी जीत मान रही है. इस जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित है. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने कहा 2023 में ग्वालियर चंबल में पार्टी जीत का परचम लहराएगी. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह दोनों इसी ग्वालियर चंबल से हैं. चुनाव के दौरान दोनों सक्रिय रहे. यही वजह रही कि कांग्रेस यहां बीजेपी को बड़ा झटका देने में कामयाब हुई. हालांकि बीजेपी मान रही है कि ग्वालियर चंबल में पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है और पार्टी इसका आंकलन कर कमियों को दूर करने का प्रयास करेगी.
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भिंड और शिवपुरी में सेंध
ग्वालियर चंबल में मुरैना क्षेत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव वाला है. वो वहां से सांसद हैं. लेकिन यहां पर कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया है. भिंड के चुनाव नतीजों में भी बीजेपी के मंत्रियों पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भारी साबित हुए हैं. गोहद, मेहगांव और गोरमी कांग्रेस के खाते में गई हैं. शिवपुरी में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है. लेकिन राज्य मंत्री सुरेश राठखेड़ा के क्षेत्र में कांग्रेस ने सेंध लगा दी है. वहां नगर पालिका में भाजपा और कांग्रेस 8-8 वार्ड में जीती है. मतलब साफ है नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस में एक बार फिर नई जान फूंक दी है. लेकिन गुटबाजी उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती है. अगर कांग्रेस के सभी क्षत्रप इसी तरह एकजुट रहे तो 2023 में सत्ता की बाजी वो जीत सकती है.
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Tags: Jyotiraditya Scindia, Kamal nath, Madhya Pradesh News Updates, Municipal Corporation ElectionsFIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 16:54 IST