नेपाली गैंडों को रास आ रहा भारत का ये खूबसूरत जंगल जमा रहे हैं डेरा

Pilibhit Tiger Reserve: यूपी के पीलीभीत टाइगर रिजर्व दुनियाभर में मशहूर हैं. यहां के टाइगर रिजर्व को नेपाल के शुक्लाफांटा नेशनल पार्क रहने वाले गैंडे यहां पहुंच रहे हैं. इससे टाइगर रिजर्व की खूबसूरती बढ़ती जा रही है.

नेपाली गैंडों को रास आ रहा भारत का ये खूबसूरत जंगल जमा रहे हैं डेरा
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के ‘पीलीभीत टाइगर रिजर्व’ 73,000 हेक्टेयर में फैला एक खूबसूरत जंगल है. प्रकृति ने इसे भरपूर प्राकृतिक संसाधनों से बनाया है. यही कारण है कि यह जंगल जैव विविधता के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में पीलीभीत टाइगर रिजर्व पड़ोसी देश नेपाल के गैंडों को भी रास आ रहा है. यहां हैं 73 से अधिक बाघों की संख्या दरअसल, पीलीभीत हिमालय की शिवालिक श्रृंखला की तराई में बसा जिला है. वहीं, इस जिले का अधिकांश भू-भाग वन क्षेत्र है. यह जंगल पानी के स्रोतों घने साल के पेड़, तमाम पौधों व जीवों से भरपूर है. इसी को ध्यान में रखते हुए यहां मौजूद बाघों के संरक्षण की योजना बनाई गई. योजना पर अमल करते हुए सन 2014 में पीलीभीत वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया. टाइगर रिजर्व की घोषणा के बाद यहां बाघों का संरक्षण किया गया, जिसकी बदौलत आज यहां पर 73 से भी अधिक बाघ हैं. तेजी से बढ़ी संख्या वैसे तो देश दुनिया में मशहूर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भारी भरकम बाघों की वजह से प्रसिद्ध है, लेकिन बाघों के साथ ही साथ यहां अन्य जंगली जानवरों की संख्या में भी कई गुना की बढ़ोतरी हुई है. पड़ोसी देश नेपाल में स्थित शुक्लाफांटा सेंचुरी पीलीभीत के जंगलों से सीमा साझा करती है. ऐसे में आए दिन वहां के जंगली जानवर विचरण करते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आ जाते हैं. शुक्लाफांटा नेशनल पार्क की खासियत यही नहीं पड़ोसी देश नेपाल के शुक्लाफांटा नेशनल पार्क के वन्यजीवों को भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व खूब भा रहा है. बीते कुछ समय से लगातार नेपाली गैंडे भारत की सीमा में दाखिल होकर पीलीभीत के लग्गा-भग्गा इलाके में देखे जाते हैं. गैंडों के बारे में वन्यजीव प्रेमी बोले वन्यजीव प्रेमी डॉ. अमिताभ अग्निहोत्री ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में स्थित लग्गा-भग्गा इलाका बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट माना जाता है. ऐसे में यह गैंडों और हाथी जैसे विशालकाय वन्यजीवों के लिहाज से काफी अनुकूल हैं. दोनों देशों के जंगल की सीमा खुली होने के चलते वन्यजीव विचरण करते हुए यहां आ जाते हैं. अनुकूलता के चलते वे कई बार यहीं डेरा जमा लेते हैं. अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व को हर प्रकार की वन्यजीवों के लिहाज से अनुकूल रखने का प्रयास किया जाता है. Tags: Local18, Pilibhit news, Tiger reserve, Tiger reserve news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 10:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed