लखीमपुर खीरी: अब इस जानलेवा बीमारी की जांच और इलाज के लिए नहीं लगाना होगा लखनऊ

Hepatitis treatment in Lakhimpur Kheri: सीएमएस डॉ आरके कोली ने कहा कि पहली रैपिड किट जांच पॉजिटिव आने के बाद दूसरी एलीज़ा (वाइरल लोड) जांच भी जिला चिकित्सालय में की जाएगी. दूसरी जांच पॉजिटिव आने के बाद मरीज को जिला अस्पताल से ही दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

लखीमपुर खीरी: अब इस जानलेवा बीमारी की जांच और इलाज के लिए नहीं लगाना होगा लखनऊ
अतीश त्रिवेदी/लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के जिला लखीमपुर खीरी के लोगों को अब हेपेटाइटिस बी और सी की एलीजा जांच और दवाओं के लिए लखनऊ का चक्कर नहीं लगाना होगा. सीएमएस डॉ आरके कोली ने बताया कि हेपेटाइटिस सी के मरीजों को जिला अस्पताल से दवाएं नहीं मिल पा रही थीं और नए मरीजों की पहचान के लिए भी एलीज़ा जांच की व्यवस्था नहीं थी. समस्याओं को देखते हुए जिला अस्पताल में अब निःशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध शुरू कर दी गई है. हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी जैसी जानलेवा बीमारी की जांच शुरू हो गई है और दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है. सीएमएस डॉ आरके कोली ने कहा कि पहली रैपिड किट जांच पॉजिटिव आने के बाद दूसरी एलीज़ा (वाइरल लोड) जांच भी जिला चिकित्सालय में की जाएगी. दूसरी जांच पॉजिटिव आने के बाद मरीज को जिला अस्पताल से ही दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. क्या है हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस बी वायरस में एक बाहरी आवरण और एक आंतरिक कोर होता है. वायरस का बाहरी आवरण सतही प्रोटीन से बना होता है जिसे हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन या “HBsAg” कहा जाता है. HBsAg का पता एक साधारण रक्त परीक्षण द्वारा लगाया जा सकता है और सकारात्मक परीक्षण परिणाम से पता चलता है कि व्यक्ति हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित है या नहीं. हेपेटाइटिस बी होने का मुख्य कारण हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित व्यक्ति के रक्त या शारीरिक तरल पदार्थ (वीर्य, योनि द्रव और लार) के संपर्क के माध्यम से हेपेटाइटिस बी संक्रमण पकड़ सकते हैं. Tags: Hepatitis C, Lakhimpur Kheri, Lakhimpur Kheri News, Lakhimpur News, Local18FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 10:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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