रत्न जड़ित संगमरमर के झूलों पर विराजेंगे लड्डू गोपाल
रत्न जड़ित संगमरमर के झूलों पर विराजेंगे लड्डू गोपाल
इन झूलों पर की गई नक्काशी संगमरमर की खूबसूरती को और भी बढ़ा देती है. फर्रुखाबाद के कुशल कारीगरों ने बड़ी मेहनत से ये सुंदर झूले तैयार किए हैं, जो बाजार में आते ही ग्राहकों की पहली पसंद बन गए हैं.
फर्रुखाबाद: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जहां पहले लोग धातु से बने झूलों में कान्हा जी को विराजित करके झुलाते थे, वहीं अब बदलते समय के साथ इस परंपरा में भी बदलाव आ गया है. इस बार बाजार में संगमरमर के रत्न जड़ित झूले आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. लोग इन झूलों में लड्डू गोपाल को विराजित करने के लिए जमकर खरीदारी कर रहे हैं.
इन झूलों पर की गई नक्काशी संगमरमर की खूबसूरती को और भी बढ़ा देती है. फर्रुखाबाद के कुशल कारीगरों ने बड़ी मेहनत से ये सुंदर झूले तैयार किए हैं, जो बाजार में आते ही ग्राहकों की पहली पसंद बन गए हैं.
सभी कीमतों के लिए उपलब्ध ऑर्डर
कारीगर अनुज के अनुसार, उन्हें इन झूलों के ऑर्डर काफी पहले ही मिलने लगते हैं. वे झूलों को आकार और डिज़ाइन के अनुसार तैयार करते हैं. इनकी कीमतें 250 रुपए से लेकर 5,000 से 11,000 रुपए तक हो सकती हैं, जो कि झूले के आकार और उसमें की गई नक्काशी पर निर्भर करती हैं. झूलों को मुख्य रूप से संगमरमर से बनाया जाता है, जिनमें बाल गोपाल को विराजित कर झुलाने की परंपरा है. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर इन झूलों की मांग सबसे अधिक रहती है. यदि आप भी कान्हा जी के लिए झूले खरीदना चाहते हैं, तो फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद मार्ग पर स्थित मां दुर्गा हैंडीक्राफ्ट से सही कीमतों पर खरीद सकते हैं.
संगमरमर से बने आकर्षक झूले
संगमरमर का पत्थर अपनी चमक और दमक के लिए जाना जाता है, लेकिन इस पर नक्काशी करना आसान काम नहीं है. संगमरमर महंगा होने के कारण, इस पर काम करना जोखिम भरा होता है. यहां के कारीगर बड़ी सावधानी से इन पत्थरों पर नक्काशी करते हैं और फिर रत्न, सितारे, मूंगा, मोती और अन्य सजावटी सामग्री से इसे अंतिम रूप देते हैं. इस तरह ये झूले तैयार होते हैं और बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं.
Tags: Local18, Sri Krishna JanmashtamiFIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 13:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed